जब राजाधिकारी ने सुना कि यहूदिया से यीशु गलील आया है तो वह उसके पास आया और विनती की कि वह कफ़रनहूम जाकर उसके बेटे को अच्छा कर दे। क्योंकि उसका बेटा मरने को पड़ा था।
हेरोदेस जब राज कर रहा था, उन्हीं दिनों यहूदिया के बैतलहम में यीशु का जन्म हुआ। कुछ ही समय बाद कुछ विद्वान जो सितारों का अध्ययन करते थे, पूर्व से यरूशलेम आये।
लिद्दा याफा के पास ही था, सो शिष्यों ने जब यह सुना कि पतरस लिद्दा मैं है तो उन्होंने उसके पास दो व्यक्ति भेजे कि वे उससे विनती करें, “अनुग्रह कर के जल्दी से जल्दी हमारे पास आ जा!”