वह स्त्री अपने पानी भरने के घड़े को वहीं छोड़कर नगर में वापस चली गयी और लोगों से बोली,
नामान अपने स्वामी (अराम के राजा) के पास गया। नामान ने अराम के राजा को वह बात बताई जो इस्राएली लड़की ने कही थी।
उन स्त्रियों ने तुरंत ही कब्र को छोड़ दिया। वे भय और आनन्द से भर उठी थीं। फिर यीशु के शिष्यों को यह बताने के लिये वे दौड़ पड़ीं।
फिर वे तुरंत खड़े हुए और वापस यरूशलेम को चल दिये। वहाँ उन्हें ग्यारहों प्रेरित और दूसरे लोग उनके साथ इकट्ठे मिले,
वे कब्र से लौट आयीं और उन्होंने ये सब बातें उन ग्यारहों और अन्य सभी को बतायीं।
तभी उसके शिष्य वहाँ लौट आये। और उन्हें यह देखकर सचमुच बड़ा आश्चर्य हुआ कि वह एक स्त्री से बातचीत कर रहा है। पर किसी ने भी उससे कुछ कहा नहीं, “तुझे इस स्त्री से क्या लेना है या तू इससे बातें क्यों कर रहा है?”
“आओ और देखो, एक ऐसा पुरुष है जिसने, मैंने जो कुछ किया है, वह सब कुछ मुझे बता दिया। क्या तुम नहीं सोचते कि वह मसीह हो सकता है?”
एक सामरी स्त्री जल भरने आई। यीशु ने उससे कहा, “मुझे जल दे।”