तुम्हें शिक्षाओं और वाचा के अनुसार चलना चाहिये। यदि तुम इन आज्ञाओं का पालन नहीं करोगे तो हो सकता है तुम गलत आज्ञाओं का पालन करने लगो। (ये गलत आज्ञाएँ वे हैं जो जादूगरों और भविष्य बताने वालों के द्वारा मिलती है। ये आज्ञाएँ बेकार हैं। उन आज्ञाओं पर चल कर तुम्हें कुछ नहीं मिलेगा।)
“हे एप्रैम, मुझ यहोवा को इन मूर्तियों से कोई सरोकार नहीं है। मैं ही ऐसा हूँ जो तुम्हारी प्रार्थनाओं का उत्तर देता हूँ और तुम्हारी रखवाली करता हूँ। मैं हरे—भरे सनोवर के पेड़ सा हूँ। तुम्हारे फल मुझसे ही आते हैं।”
तुम शास्त्रों का अध्ययन करते हो क्योंकि तुम्हारा विचार है कि तुम्हें उनके द्वारा अनन्त जीवन प्राप्त होगा। किन्तु ये सभी शास्त्र मेरी ही साक्षी देते हैं।
किन्तु परमेश्वर के अनुग्रह से मैं वैसा बना हूँ जैसा आज हूँ। मुझ पर उसका अनुग्रह बेकार नहीं गया। मैंने तो उन सब से बढ़ चढ़कर परिश्रम किया है। (यद्यपि वह परिश्रम करने वाला मैं नहीं था, बल्कि परमेश्वर का वह अनुग्रह था जो मेरे साथ रहता था।)
हमें इसका गर्व है कि हम यह बात साफ मन से कह सकते हैं कि हमने इस जगत के साथ और खासकर तुम लोगों के साथ परमेश्वर के अनुग्रह के अनुरूप व्यवहार किया है। हमने उस सरलता और सच्चाई के साथ व्यवहार किया है जो परमेश्वर से मिलती है न कि दुनियावी बुद्धि से।
तुम्हें सभी उत्तम साधनों से सम्पन्न करे। जिससे तुम उसकी इच्छा पूरी कर सको। और यीशु मसीह के द्वारा वह हमारे भीतर उस सब कुछ को सक्रिय करे जो उसे भाता है। युग-युगान्तर तक उसकी महिमा होती रहे। आमीन!
अब देखो जब तुमने सत्य का पालन करते हुए, सच्चे भाईचारे के प्रेम को प्रदर्शित करने के लिए अपने आत्मा को पवित्र कर लिया है तो पवित्र मन से तीव्रता के साथ परस्पर प्रेम करने को अपना लक्ष्य बना लो।