हवा जिधर चाहती है, उधर बहती है। तुम उसकी आवाज़ सुन सकते हो। किन्तु तुम यह नहीं जान सकते कि वह कहाँ से आ रही है, और कहाँ को जा रही है। आत्मा से जन्मा हुआ हर व्यक्ति भी ऐसा ही है।”
हमारे धर्म के सत्य का रहस्य निस्सन्देह महान है: मसीह नर देह धर प्रकट हुआ, आत्मा ने उसे नेक साधा, स्वर्गदूतों ने उसे देखा, वह राष्ट्रों में प्रचारित हुआ। जग ने उस पर विश्वास किया, और उसे महिमा में ऊपर उठाया गया।
सच्चा प्रेम इसमें नहीं है कि हमने परमेश्वर से प्रेम किया है, बल्कि इसमें है कि एक ऐसे बलिदान के रूप में जो हमारे पापों को धारण कर लेता है, उसने अपने पुत्र को भेज कर हमारे प्रति अपना प्रेम दर्शाया है।