यीशु समझ गया कि वे उससे प्रश्न करना चाहते हैं। इसलिये उसने उनसे कहा, “क्या तुम मैंने यह जो कहा है, उस पर आपस में सोच-विचार कर रहे हो, ‘कुछ ही समय बाद तुम मुझे और अधिक नही देख पाओगे।’ और ‘फिर थोड़े समय बाद तुम मुझे देखोगे?’
जब वे भोजन कर चुके तो यीशु ने शमौन पतरस से कहा, “यूहन्ना के पुत्र शमौन, जितना प्रेम ये मुझ से करते हैं, तू मुझसे उससे अधिक प्रेम करता है?” पतरस ने यीशु से कहा, “हाँ प्रभु, तू जानता है कि मैं तुझे प्रेम करता हूँ।” यीशु ने पतरस से कहा, “मेरे मेमनों की रखवाली कर।”
तभी उसके शिष्य वहाँ लौट आये। और उन्हें यह देखकर सचमुच बड़ा आश्चर्य हुआ कि वह एक स्त्री से बातचीत कर रहा है। पर किसी ने भी उससे कुछ कहा नहीं, “तुझे इस स्त्री से क्या लेना है या तू इससे बातें क्यों कर रहा है?”
सब लोगों के सामने नहीं वरन् बस उन साक्षियों के सामने जो परमेश्वर के द्वारा पहले से चुन लिये गये थे। अर्थात् हमारे सामने जिन्होंने उसके मरे हुओं में से जी उठने के बाद उसके साथ खाया और पिया।