नहेमायाह ने कहा, “जाओ, और जाकर उत्तम भोजन और शर्बत का आनन्द लो। और थोड़ा खाना और शर्बत उन लोगों को भी दो जो कोई खाना नहीं बनाते हैं। आज यहोवा का विशेष दिन है। दु:खी मत रहो! क्यों? क्योंकि परमेश्वर का आनन्द तुम्हें सुदृढ़ बनायेगा।”
मैं तो परमेस्वर की वेदी के पास जाऊँगा। परमेश्वर मैं तेरे पास आऊँगा। वह मुझे आनन्दित करता है। हे परमेश्वर, हे मेरे परमेश्वर, मैं वीणा पर तेरी स्तुति करँगा।
“मैं अब और अधिक समय जगत में नहीं हूँ किन्तु वे जगत में है अब मैं तेरे पास आ रहा हूँ। हे पवित्र पिता अपने उस नाम की शक्ति से उनकी रक्षा कर जो तूने मुझे दिया है ताकि जैसे तू और मैं एक हैं, वे भी एक हो सकें।
दूल्हा वही है जिसे दुल्हन मिलती है। पर दूल्हे का मित्र जो खड़ा रहता है और उसकी अगुवाई में जब दूल्हे की आवाज़ को सुनता है, तो बहुत खुश होता है। मेरी यही खुशी अब पूरी हुई है।
हमारे विश्वास के अगुआ और उसे सम्पूर्ण सिद्ध करने वाले यीशु पर आओ हम दृष्टि लगायें। जिसने अपने सामने उपस्थित आनन्द के लिए क्रूस की यातना झेली, उसकी लज्जा की कोई चिंता नहीं की और परमेश्वर के सिंहासन के दाहिने हाथ विराजमान हो गया।
यद्यपि तुम्हें लिखने को मेरे पास बहुत सी बातें हैं किन्तु उन्हें मैं लेखनी और स्याही से नहीं लिखना चाहता। बल्कि मुझे आशा है कि तुम्हारे पास आकर आमने-सामने बैठ कर बातें करूँगा। जिससे हमारा आनन्द परिपूर्ण हो।