तुम्हारा परमेश्वर यहोवा तुम्हारे साथ हैं। वह शक्तिशाली सैनिक सा हैं। वह तुम्हारी रक्षा करेगा। वह दिखायेगा कि वह तुम से कितना प्यार करता है। वह दिखायेगा कि वह तुम्हारे साथ कितने प्रसन्न है। वे हसेगा और तुम्हारे बारे में ऐसे प्रसन्न होगा,
“जो अपने माता-पिता को मुझसे अधिक प्रेम करता है, वह मेरा होने के योग्य नहीं है। जो अपने बेटे बेटी को मुझसे ज्या़दा प्यार करता है, वह मेरा होने के योग्य नहीं है।
वह जो मेरे आदेशों को स्वीकार करता है और उनका पालन करता है, मुझसे प्रेम करता है। जो मुझमें प्रेम रखता है उसे मेरा परम पिता प्रेम करेगा। मैं भी उसे प्रेम करूँगा और अपने आप को उस पर प्रकट करूँगा।”
उत्तर में यीशु ने उससे कहा, “यदि कोई मुझमें प्रेम रखता है तो वह मेरे वचन का पालन करेगा। और उससे मेरा परम पिता प्रेम करेगा। और हम उसके पास आयेंगे और उसके साथ निवास करेंगे।
अब हम समझ गये हैं कि तू सब कुछ जानता है। अब तुझे अपेक्षा नहीं है कि कोई तुझसे प्रश्न पूछे। इससे हमें यह विश्वास होता है कि तू परमेश्वर से प्रकट हुआ है।”
मैं उनमें होऊँगा और तू मुझमें होगा, जिससे वे पूर्ण एकता को प्राप्त हों और जगत जान जाये कि मुझे तूने भेजा है और तूने उन्हें भी वैसे ही प्रेम किया है जैसे तू मुझे प्रेम करता है।
यीशु ने उन्हें उत्तर दिया, “यदि परमेश्वर तुम्हारा पिता होता तो तुम मुझे प्यार करते क्योंकि मैं परमेश्वर में से ही आया हूँ। और अब मैं यहाँ हूँ। मैं अपने आप से नहीं आया हूँ। बल्कि मुझे उसने भेजा है।
जिसे मूसा की वह व्यवस्था जो मनुष्य के भौतिक स्वभाव के कारण दुर्बल बना दी गई थी, नहीं कर सकी उसे परमेश्वर ने अपने पुत्र को हमारे ही जैसे शरीर में भेजकर जिससे हम पाप करते हैं—उसकी भौतिक देह को पाप वाली बनाकर पाप को निरस्त करके पूरा किया।
यद्यपि तुमने उसे देखा नहीं है, फिर भी तुम उसे प्रेम करते हो। यद्यपि तुम अभी उसे देख नहीं पा रहे हो, किन्तु फिर भी उसमें विश्वास रखते हो और एक ऐसे आनन्द से भरे हुए हो जो अकथनीय एवं महिमामय है।
सुनो कुछ ऐसे हैं जो शैतान की मण्डली के हैं तथा जो यहूदी न होते हुए भी अपने को यहूदी कहते हैं, जो मात्र झूठे हैं, मैं उन्हें यहाँ आने को विवश करके तेरे चरणों तले झुका दूँगा तथा मैं उन्हें विवश करूँगा कि वे यह जानें कि तुम मेरे प्रिय हो।