“मेरे परम पिता ने सब कुछ मुझे सौंप दिया और वास्तव में परम पिता के अलावा कोई भी पुत्र को नहीं जानता। और कोई भी पुत्र के अलावा परम पिता को नहीं जानता। और हर वह व्यक्ति परम पिता को जानता है, जिसके लिये पुत्र ने उसे प्रकट करना चाहा है।
“मुझे मेरे पिता द्वारा सब कुछ दिया गया है और पिता के सिवाय कोई नहीं जानता कि पुत्र कौन है और पुत्र के अतिरिक्त कोई नहीं जानता कि पिता कौन है, या उसके सिवा जिसे पुत्र इसे प्रकट करना चाहता है।”
वह जो मेरे आदेशों को स्वीकार करता है और उनका पालन करता है, मुझसे प्रेम करता है। जो मुझमें प्रेम रखता है उसे मेरा परम पिता प्रेम करेगा। मैं भी उसे प्रेम करूँगा और अपने आप को उस पर प्रकट करूँगा।”