“मैं तुम्हारे लिये अपनी शांति छोड़ रहा हूँ। मैं तुम्हें स्वयं अपनी शांति दे रहा हूँ पर तुम्हें इसे मैं वैसे नहीं दे रहा हूँ जैसे जगत देता है। तुम्हारा मन व्याकुल नहीं होना चाहिये और न ही उसे डरना चाहिये।
किन्तु यदि परमेश्वर ने गरीब की सहायता न करने का निर्णय लिया तो कोई व्यक्ति परमेश्वर को दोषी नहीं ठहरा सकता है। यदि परमेश्वर उनसे मुख मोड़ता है तो कोई भी उस को नहीं पा सकता है। परमेश्वर जातियों और समूची मानवता पर शासन करता है।
हे यहोवा, तू मेरी ज्योति और मेरा उद्धारकर्ता है। मुझे तो किसी से भी नहीं डरना चाहिए! यहोवा मेरे जीवन के लिए सुरक्षित स्थान है। सो मैं किसी भी व्यक्ति से नहीं डरुँगा।
हे यहोवा, मुझे उन बुरे व्याक्तियों की तरह मत सोच जो बुरे काम करते हैं। जो अपने पड़ोसियों से “सलाम” (शांति) करते हैं, किन्तु अपने हृदय में अपने पड़ोसियों के बारे में कुचक्र सोचते हैं।
परमेश्वर मेरी रक्षा करता है। मुझे उसका भरोसा है। मुझे कोई भय नहीं है। वह मेरी रक्षा करता है। यहोवा याह मेरी शक्ति है। वह मुझको बचाता है, और मैं उसका स्तुति गीत गाता हूँ।
मूल्यवान यहूदा, तू निर्भय रह! हे मेरे प्रिय इस्राएल के लोगों। भयभीत मत रहो।” सचमुच मैं तुझको सहायता दूँगा। स्वयं यहोवा ही ने यें बातें कहीं थी। इस्राएल के पवित्र (परमेश्वर) ने जो तुम्हारी रक्षा करता है, कहा था:
“जब तुम्हें आनन्द से भरकर शांति और एकता के साथ में उस धरती से छुड़ाकर ले जाया जा रहा होगा जिसमें तुम बन्दी थे, तो तुम्हारे सामने खुशी में पहाड़ फट पड़ेंगे और थिरकने लगेंगे। पहाड़ियाँ नृत्य में फूट पड़ेंगी। तुम्हारे सामने जंगल के सभी पेड़ ऐसे हिलने लगेंगे जैसे तालियाँ पीट रहे हो।
उन लोगों को मैं एक नया शब्द शान्ति सिखाऊँगा। मैं उन सभी लोगों को शान्ति दूँगा जो मेरे पास हैं और उन लोगों को जो मुझ से दूर हैं। मैं उन सभी लोगों को चंगा (क्षमा) करूँगा!” ने ये सभी बातें बतायी थी।
यह सब कुछ तब घटेगा जब उस विशेष बच्चे का जन्म होगा। परमेश्वर हमें एक पुत्र प्रदान करेगा। यह पुत्र लोगों की अगुवाई के लिये उत्तरदायी होगा। उसका नाम होगा: “अद्भुत, उपदेशक, सामर्थी परमेश्वर, पिता—चिर अमर और शांति का राजकुमार।”
“मनुष्य के पुत्र उन लोगों से डरो नहीं। जो वे कहें उससे डरो मत। यह सत्य है कि वे तुम्हारे विरुद्ध हो जायेंगे और तुमको चोट पहुँचाना चाहेंगे। वे काँटे के समान होंगे। तुम ऐसा सोचोगे कि तुम बिच्छुओं के बीच रह रहे हो। किन्तु वे जो कुछ कहें उनसे डरो नहीं। वे विद्रोही लोग हैं। किन्तु उनसे डरो नहीं।
वह यहोवा का मंदिर बनाएगा, और वह सम्मान पाएगा। वह अपने राजसिंहासन पर बैठेगा, और शासक होगा। उसके सिंहासन के बगल में एक याजक खङा होगा। और ये दोनों व्यक्ति शान्तिपूर्वक एक साथ काम करेंगे।’
उसी दिन शाम को, जो सप्ताह का पहला दिन था, उसके शिष्य यहूदियों के डर के कारण दरवाज़े बंद किये हुए थे। तभी यीशु वहाँ आकर उनके बीच खड़ा हो गया और उनसे बोला, “तुम्हें शांति मिले।”
आठ दिन बाद उसके शिष्य एक बार फिर घर के भीतर थे। और थोमा उनके साथ था। (यद्यपि दरवाज़े पर ताला पड़ा था।) यीशू आया और उनके बीच खड़ा होकर बोला, “तुम्हें शांति मिले।”
वह मैं, तुम सब के लिए, जो रोम में हो और परमेश्वर के प्यारे हो, जो परमेश्वर के पवित्र जन होने के लिए बुलाये गये हो, यह पत्र लिख रहा हूँ। हमारे परम पिता परमेश्वर और प्रभु यीशु मसीह की ओर से तुम्हें उसका अनुग्रह और शांति मिले।
सभी आशाओं का स्रोत परमेश्वर, तुम्हें सम्पूर्ण आनन्द और शांति से भर दे जैसा कि उसमें तुम्हारा विश्वास है। ताकि पवित्र आत्मा की शक्ति से तुम आशा से भरपूर हो जाओ।
क्योंकि जब हम उसके बैरी थे उसने अपनी मृत्यु के द्वारा परमेश्वर से हमारा मेलमिलाप कराया तो अब तो जब हमारा मेलमिलाप हो चुका है उसके जीवन से हमारी और कितनी अधिक रक्षा होगी।
उसी के द्वारा समूचे ब्रह्माण्ड को परमेश्वर ने अपने से पुनः संयुक्त करना चाहा उन सभी को जो धरती के हैं और स्वर्ग के हैं। उसी लहू के द्वारा परमेश्वर ने मिलाप कराया जिसे मसीह ने क्रूस पर बहाया था।
और इब्राहीम ने उसे उस सब कुछ में से जो उसने युद्ध में जीता था उसका दसवाँ भाग प्रदान किया। उसके नाम का पहला अर्थ है, “धार्मिकता का राजा” और फिर उसका यह अर्थ भी है, “सालेम का राजा” अर्थात् “शांति का राजा।”
यूहन्ना की ओर से एशिया प्रान्त में स्थित सात कलीसियाओं के नाम: उस परमेश्वर की ओर से जो वर्तमान है, जो सदा-सदा से था और जो आनेवाला है, उन सात आत्माओं की ओर से जो उसके सिंहासन के सामने हैं
उन यातनाओं से तू बिल्कुल भी मत डर जो तुझे झेलनी हैं। सुनो, शैतान तुम लोगों में से कुछ को बंदीगृह में डालकर तुम्हारी परीक्षा लेने जा रहा है। और तुम्हें वहाँ दस दिन तक यातना भोगनी होगी। चाहे तुझे मर ही जाना पड़े, पर सच्चा बने रहना मैं तुझे अनन्त जीवन का विजय मुकुट प्रदान करूँगा।
किन्तु कायरों अविश्वासियों, दुर्बुद्धियों, हत्यारों, व्यभिचारियों, जादूटोना करने वालों मूर्तिपूजकों और सभी झूठ बोलने वालों को भभकती गंधक की जलती झील में अपना हिस्सा बँटाना होगा। यही दूसरी मृत्यु है।”