मैं तुमसे सत्य कहता हूँ कि जब तक गेहूँ का एक दाना धरती पर गिर कर मर नहीं जाता, तब तक वह एक ही रहता है। पर जब वह मर जाता है तो अनगिनत दानों को जन्म देता है।
खेत भरपूर फसल दे। पहाड़ियाँ फसलों से ढक जायें। ये खेत लबानोन के खेतों से उपजाऊँ हो जायें। नगर लोगों की भीड़ से भर जाये, जैसे खेत घनि घास से भर जाते हैं।
रोटी के लिए अनाज को पीसा जाता है, पर लोग उसे सदा पीसते ही तो नहीं रहते। अनाज को दलने के लिए कोई घोड़ों से जुती गाड़ी का पहिया अनाज पर फिरा सकता है किन्तु वह अनाज को पीस—पीस कर एक दम मैदा जैसा तो नहीं बना देता।