यहूदी नेताओं ने उसे उत्तर दिया, “हम तुझ पर किसी अच्छे काम के लिए पथराव नहीं कर रहे हैं बल्कि इसलिए कर रहें है कि तूने परमेश्वर का अपमान किया है और तू, जो केवल एक मनुष्य है, अपने को परमेश्वर घोषित कर रहा है।”
किसी ऐसे व्यक्ति का पता करो जो नाबोत के विषय में झूठ बोले। वे लोग यह कहें कि उन्होंने सुना कि नाबोत ने राजा और परमेश्वर के विरुद्ध कुछ बातें कहीं। तब नाबोत को नगर के बाहर ले जाओ और उसे पत्थरों से मार डालो।”
“उस व्यक्ति को डेरे के बाहर एक स्थान पर लाओ, जिसने शाप दिया है। तब उन सभी लोगों को एक साथ बुलाओ जिन्होंने उसे शाप देते सुना है। वे लोग अपने हाथ उसके सिर पर रखेंगे। और तब सभी लोग उस पर पत्थर मारेंगे और उसे मार डालेंगे।
कोई व्यक्ति, जो यहोवा के नाम के विरुद्ध बोलता है, अवश्य मार दिया जाना चाहिए। सभी लोगों को उसे पत्थर मारने चाहए। विदेशी को वैसे ही दण्ड मिलना चाहिए जैसे इस्राएल में जन्म लेने वाले व्यक्ति को मिलता है। यदि कोई व्यक्ति योहवा के नाम को अपश्ब्द कहता है तो उसे अवश्य मार देना चाहिए।
हर व्यक्ति को प्रधान सत्ता की अधीनता स्वीकार करना चाहिए। क्योंकि शासन का अधिकार परमेश्वर की ओर से है। और जो अधिकार मौजूद है उन्हें परमेश्वर ने नियुक्त किया है।