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क्रॉस रेफरेंस
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यूहन्ना 1:45

पवित्र बाइबल

फिलिप्पुस को नतनएल मिला और उसने उससे कहा, “हमें वह मिल गया है जिसके बारे में मूसा ने व्यवस्था के विधान में और भविष्यवक्ताओं ने लिखा है। वह है यूसुफ का बेटा, नासरत का यीशु।”

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41 क्रॉस रेफरेंस  

संसार के सभी राष्ट्र तुम्हारे परिवार के द्वारा आशीर्वाद पाएंगे। मैं यह इसलिए करूँगा क्योंकि तुमने मेरी आज्ञा का पालन किया।”

मैं तुम्हें और स्त्री को एक दूसरे का दुश्मन बनाऊँगा। तुम्हारे बच्चे और इसके बच्चे आपस में दुश्मन होंगे। तुम इसके बच्चे के पैर में डसोगे और वह तुम्हारा सिर कुचल देगी।”

यहूदा के परिवार के व्यक्ति राजा होंगे। उसके परिवार का राज—चिन्ह उसके परिवार से वास्तविक शासक के आने से पहले समाप्त नहीं होगा। तब अनेकों लोग उसका आदेश मानेंगे और सेवा करेंगे।

उस समय, यहोवा का पौधा (यहूदा) बहुत सुन्दर और बहुत विशाल होगा। वे लोग, जो उस समय इस्राएल में रह रहे होंगे उन वस्तुओं पर बहुत गर्व करेंगे जिन्हें उनकी धरती उपजाती है।

यहोवा के सामने एक छोटे पौधे की तरह उसकी बढ़वार हुई। वह एक ऐसी जड़ के समान था जो सूखी धरती में फूट रही थी। वह कोई विशेष, नहीं दिखाई देता था। न ही उसकी कोई विशेष महिमा थी। यदि हम उसको देखते तो हमें उसमें कोई ऐसी विशेष बात नहीं दिखाई देती, जिससे हम उसको चाह सकते।

किन्तु, मेरा स्वामी परमेश्वर तुम्हें एक संकेत दिखायेगा: “देखो, एक कुवाँरी गर्भवती होगी और वह एक पुत्र को जन्म देगी। वह इस पुत्र का नाम इम्मानुएल रखेगी।

यह सब कुछ तब घटेगा जब उस विशेष बच्चे का जन्म होगा। परमेश्वर हमें एक पुत्र प्रदान करेगा। यह पुत्र लोगों की अगुवाई के लिये उत्तरदायी होगा। उसका नाम होगा: “अद्भुत, उपदेशक, सामर्थी परमेश्वर, पिता—चिर अमर और शांति का राजकुमार।”

हे बेतलेहेम एप्राता, तू यहूदा का छोटा नगर है और तेरा वंश गिनती में बहुत कम है। किन्तु पहले तुझसे ही “मेरे लिये इस्राएल का शासक आयेगा।” बहुत पहले सुदूर अतीत में उसके घराने की जड़े बहुत पहले से होंगी।

सर्वशक्तिमान यहोवा यह सब कहता है, ‘शाख नामक एक व्यक्ति है। वह शक्तिशाली हो जाएगा।

सिय्योन, आनन्दित हो! यरूशलेम के लोगों आनन्दघोष करो! देखो तुम्हारा राजा तम्हारे पास आ रहा है! वह विजय पानेवाला एक अच्छा राजा है। किन्तु वह विनम्र है। वह गधे के बच्चे पर सवार है, एक गधे के बच्चे पर सवार है।

फिलिप्पुस, बरतुल्मै, थोमा, कर वसूलने वाला मत्ती, हलफै का बेटा याकूब और तद्दै,

क्या यह वही बढ़ई का बेटा नहीं है? क्या इसकी माँ का नाम मरियम नहीं है? याकूब, यूसुफ, शमौन और यहूदा इसी के तो भाई हैं न?

चल पड़ा और वहाँ नासरत नाम के नगर में घर बना कर रहने लगा ताकि भविष्यवक्ताओं द्वारा कहा गया वचन पूरा हो: वह नासरी कहलायेगा।

लोग ही जवाब दे रहे थे, “यह गलील के नासरत का नबी यीशु है।”

जब उसने पतरस को वहाँ आग तापते देखा तो बड़े ध्यान से उसे पहचान कर बोली, “तू भी तो उस यीशु नासरी के ही साथ था।”

क्या यह वही बढ़ई नहीं है जो मरियम का बेटा है, और क्या यह याकूब, योसेस, यहूदा और शमौन का भाई नहीं है? क्या ये जो हमारे साथ रहतीं है इसकी बहनें नहीं हैं?” सो उन्हें उसे स्वीकार करने में समस्या हो रही थी।

सो लोगों ने उससे कहा, “नासरी यीशु यहाँ से जा रहा है।”

यूसुफ भी, क्योंकि वह दाऊद के परिवार एवं वंश से था, इसलिये वह भी गलील के नासरत नगर से यहूदिया में दाऊद के नगर बैतलहम को गया।

जब उसके माता-पिता ने उसे देखा तो वे दंग रह गये। उसकी माता ने उससे पूछा, “बेटे, तुमने हमारे साथ ऐसा क्यों किया? तेरे पिता और मैं तुझे ढूँढते हुए बुरी तरह व्याकुल थे।”

और इस तरह मूसा से प्रारम्भ करके सब नबियों तक और समूचे शास्त्रों में उसके बारे में जो कहा गया था, उसने उसकी व्याख्या करके उन्हें समझाया।

फिर उसने उनसे कहा, “ये बातें वे हैं जो मैंने तुमसे तब कही थीं, जब मैं तुम्हारे साथ था। हर वह बात जो मेरे विषय में मूसा की व्यवस्था में नबियों तथा भजनों की पुस्तक में लिखा है, पूरी होनी ही हैं।”

यीशु ने जब अपना सेवा कार्य आरम्भ किया तो वह लगभग तीस वर्ष का था। ऐसा सोचा गया कि वह एली के बेटे यूसुफ का पुत्र था।

हर कोई उसकी बड़ाई कर रहा था। उसके मुख से जो सुन्दर वचन निकल रहे थे, उन पर सब चकित थे। वे बोले, “क्या यह यूसुफ का पुत्र नहीं है?”

फिलिप्पुस अन्द्रियास और पतरस के नगर बैतसैदा से था।

वे गलील में बैतसैदा के निवासी फिलिप्पुस के पास गये और उससे विनती करते हुए कहने लगे, “महोदय, हम यीशु के दर्शन करना चाहते हैं।” तब फिलिप्पुस ने अन्द्रियास को आकर बताया।

फिलिप्पुस ने उससे कहा, “हे प्रभु, हमे परम पिता का दर्शन करा दे। हमें संतोष हो जायेगा।”

उन्होंने उसे उत्तर दिया, “यीशु नासरी को।” यीशु ने उनसे कहा, “वह मैं हूँ।” (तब उसे धोखे से पकड़वाने वाला यहूदा भी वहाँ खड़ा था।)

इस पर एक बार फिर यीशु ने उनसे पूछा, “तुम किसे खोज रहे हो?” वे बोले, “यीशु नासरी को।”

पिलातुस ने दोषपत्र क्रूस पर लगा दिया। इसमें लिखा था, “यीशु नासरी, यहूदियों का राजा।”

शमौन पतरस, थोमा (जो जुड़वाँ कहलाता था) गलील के काना का नतनएल, जब्दी के बेटे और यीशु के दो अन्य शिष्य वहाँ इकट्ठे थे।

और उन्होंने कहा, “क्या यह यूसुफ का बेटा यीशु नहीं है, क्या हम इसके माता-पिता को नहीं जानते हैं। फिर यह कैसे कह सकता है, ‘यह स्वर्ग से उतरा है’?”

जब यीशु ने आँख उठाई और देखा कि एक विशाल भीड़ उसकी तरफ़ आ रही है तो उसने फिलिप्पुस से पूछा, “इन सब लोगों को भोजन कराने के लिए रोटी कहाँ से खरीदी जा सकती है?”

फिलिप्पुस ने उत्तर दिया, “दो सौ चाँदी के सिक्कों से भी इतनी रोटियाँ नहीं ख़रीदी जा सकती हैं जिनमें से हर आदमी को एक निवाले से थोड़ा भी ज़्यादा मिल सके।”

तुम नासरी यीशु के विषय में जानते हो कि परमेश्वर ने पवित्र आत्मा और शक्ति से उसका अभिषेक कैसे किया था और उत्तम कार्य करते हुए तथा उन सब को जो शैतान के बस में थे, चंगा करते हुए चारों ओर वह कैसे घूमता रहा था। क्योंकि परमेश्वर उसके साथ था।

“हे इस्राएल के लोगों, इन वचनों को सुनो: नासरी यीशु एक ऐसा पुरुष था जिसे परमेश्वर ने तुम्हारे सामने अद्भुत कर्मों, आश्चर्यों और चिन्हों समेत जिन्हें परमेश्वर ने उसके द्वारा किया था तुम्हारे बीच प्रकट किया। जैसा कि तुम स्वयं जानते ही हो।

“तब मैंने उत्तर में कहा, ‘प्रभु, तू कौन है?’ वह मुझसे बोला, ‘मैं वही नासरी यीशु हूँ जिसे तू सता रहा है।’

“मैं भी सोचा करता था नासरी यीशु के नाम का विरोध करने के लिए जो भी बन पड़े, वह बहुत कुछ करूँ।

किन्तु पतरस ने कहा, “मेरे पास सोना या चाँदी तो है नहीं किन्तु जो कुछ है, मैं तुझे दे रहा हूँ। नासरी यीशु मसीह के नाम में खड़ा हो जा और चल दे।”




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