बाबुल की नदियों के विरुद्ध तलवार उठने दो। वे नदियाँ सूख जाएंगी। बाबुल देश में असंख्य देवमूर्तियाँ हैं। वे मूर्तियाँ प्रकट करती हैं कि बाबुल के लोग मूर्ख हैं। अत: उन लोगों के साथ बुरी घटनायें घटेंगी।
निश्चय ही वह समय आयेगा, जब मैं बाबुल के असत्य देवताओं को दण्ड दूँगा और पूरा बाबुल देश लज्जा का पात्र बनेगा। उस नगर की सड़कों पर असंख्य मरे व्यक्ति पड़े रहेंगे।
मैं बाबुल के राजा की भुजाओं को शक्तिशाली बनाऊँगा। मैं अपनी तलवार उसके हाथ में दूँगा। किन्तु मैं फिरौन की भुजा को तोड़ दूँगा। तब फिरौन पीड़ा से चीखेगा, राजा की चीख एक मरते हुए व्यक्ति की चीख सी होगी।