जैसे सागर से लहरे उठ उठ कर आती हैं। मैं सागर तंरगों का कोलाहल करता शब्द सुनता हूँ, वैसे ही मुझको विपतियाँ बारम्बार घेरी रहीं। हे यहोवा, तेरी लहरों ने मुझको दबोच रखा है। तेरी तरंगों ने मुझको ढाप लिया है।
यहोवा बहुत शीघ्र बाबुल को नष्ट करेगा। वह नगर के उद्घोष को चुप कर देगा। शत्रु सागर की गरजती तरंगों की तरह टूट पड़ेंगे। चारों ओर के लोग उस गरज को सुनेंगे।
इसलिये मेरा स्वामी यहोवा कहता है: “सोर, मैं तुम्हारे विरुद्ध हूँ! मैं तुम्हारे विरुद्ध लड़ने के लिये कई राष्ट्रों को लाऊँगा। वे समुद्र—तट की लहरों की तरह बार—बार आएंगे।”
“उत्तर के राजा के पुत्रों ने युद्ध की तैयारियाँ करेंगे। वे एक विशाल सेना जुटायेंगे। वह सेना एक शक्तिशाली बाढ़ की तरह बड़ी तेज़ी से धरती पर आगे बढ़ती चली जायेगी। वह सेना दक्षिण के राजा के सुदृढ़ दुर्ग तक सारे रास्ते युद्ध करती जायेगी।
बासठ सप्ताह बाद उस अभिषिक्त पुरूष की हत्या कर दी जायेगी। वह चला जायेगा। फिर होने वाले नेता के लोग नगर को और उस पवित्र ठांव को तहस—नहस कर देंगे। वह अंत ऐसे आयेगा जैसे बाढ़ आती है। अंत तक युद्ध होता रहेगा। उस स्थान को पूरी तरह तहस—नहस कर देने की परमेश्वर आज्ञा दे चुका है।