इसलिये दूत राजा का पत्र पूरे इस्राएल औऱ यहूदा में ले गए। उन पत्रों में यह लिखा था: “इस्राएल की सन्तानों, इब्राहीम, इसहाक और इस्राएल (याकूब), जिस यहोवा, परमेश्वर की आज्ञा मानते थे उसके पास लौटो। तब यहोवा तुम लोगों के पास वापस आयेगा जो अश्शूर के राजा से बच गए हैं और अभी तक जीवित हैं।
मोर्दकै ने ये आदेश महाराजा क्षयर्ष की ओर से लिखे थे और फिर उन पत्रों पर उसने राजा की अँगूठी से मुहर लगा दी थी। फिर उन पत्रों को उसने तीव्र घुड़सवार सन्देश वाहकों के द्वारा भिजवा दिया। ये सन्देश वाहक उन घोड़ों पर सवार थे जिन्हें विशेष राजा के लिए पाला—पोसा गया था।
“हर एक राष्ट्र को यह घोषित कर दो! झण्डा उठाओ और सन्देश सुनाओ। पूरा सन्देश सुनाओ और कहो, ‘बाबुल राष्ट्र पर अधिकार किया जाएगा। बेल देवता लज्जा का पात्र बनेगा। मरोदक देवता बहुत डर जाएगा। बाबुल की देवमूर्तियाँ लज्जा का पात्र बनेंगी उसके मूर्ति देवता भयभीत हो जाएंगे।’
बाबुल के राजा ने उन सेनाओं के बारे में सुना, और वह आतंकित हो गया। वह इतना डर गया है कि उसके हाथ हिल नहीं सकते। उसके डर से उसके पेट में ऐसे पीड़ा हो रही है, जैसे वह प्रसव करने वाली स्त्री हो।”