बाबुल के राजा ने उन सेनाओं के बारे में सुना, और वह आतंकित हो गया। वह इतना डर गया है कि उसके हाथ हिल नहीं सकते। उसके डर से उसके पेट में ऐसे पीड़ा हो रही है, जैसे वह प्रसव करने वाली स्त्री हो।”
“यह प्रश्न पूछो इस पर विचार करो: क्या कोई पुरुष बच्चे को जन्म दे सकता है निश्चय ही नही! तब मैं हर एक शक्तिशाली व्यक्ति को पेट पकड़े क्यों देखता हूँ मानों वे प्रसव करने वाली स्त्री की पीड़ा सह रहे हो क्यों हर एक व्यक्ति का मुख शव सा सफेद हो रहा है क्यों? क्योंकि लोग अत्यन्त भयभीत हैं।
यहोवा उस उकाब की तरह मंडरायेगा जो अपने शिकार पर टूटता है। यहोवा बोस्रा नगर पर अपने पंख उकाब के समान फैलाया है। उस समय एदोम के सैनिक बहुत आतंकित होंगे। वे प्रसव करती स्त्री की तरह भय से रोएंगे।
दमिश्क नगर दुर्बल हो गया है। लोग भाग जाना चाहते हैं। लोग भय से घबराने को तैयार बैठे हैं। प्रसव करती स्त्री की तरह लोग पीड़ा और कष्ट का अनुभव कर रहे हैं।
हमने उस सेना के बारे में सूचना पाई है। हम भय से असहाय हैं। हम स्वयं को विपत्तियों के जाल में पड़ा अनुभव करते हैं। हम वैसे ही कष्ट में हैं जैसे एक स्त्री को प्रसव—वेदना होती है।