यहोवा ने कहा था, “मैं बाबुल को बदल डालूँगा। उस स्थान में पशुओं का वास होगा, न कि मनुष्यों का। वह स्थान दलदली प्रदेश बन जायेगा। मैं ‘विनाश की झाडू’ से बाबुल को बाहर कर दूँगा।” सर्वशक्तिमान यहोवा ने ये बातें कही थीं।
“किन्तु जब सत्तर वर्ष बीत जाएंगे तो मैं बाबुल के राजा को दण्ड दूँगा। मैं बाबुल राष्ट्र को दण्ड दूँगा।” यह सन्देश यहोवा का है। “मैं कसदियों के देश को उनके पाप के लिये दण्ड दूँगा। मैं उस देश को सदैव के लिये मरुभूमि बनाऊँगा।
उत्तर से एक राष्ट्र बाबुल पर आक्रमण करेगा। वह राष्ट्र बाबुल को सूनी मरुभूमि सा बना देगा। कोई व्यक्ति वहाँ नहीं रहेगा मनुष्य और पशु दोनों वहाँ से भाग जाएंगे।”
लोगों को चक्की बनाने योग्य बड़ा पत्थर नहीं मिलेगा बाबुल से लोग इमारतों की नींव के लिये कोई भी चट्टान नहीं ला सकेंगे। क्यों क्योंकि तुम्हारा नगर सदैव के लिये चट्टानों के टुकड़ों का ढेर बन जाएगा।” यह सब यहोवा ने कहा।
तब बाबुल के नगर बरबाद और सूने हो जायेंगे। बाबुल एक सूखी मरुभूमि बन जाएगा। यह ऐसा देश बनेगा जहाँ कोई मनुष्य नहीं रहेगा, लोग बाबुल से यात्रा भी नहीं करेंगे।
शक्तिशाली स्वर से पुकारते हुए वह बोला: “वह मिट गयी, बाबुल नगरी मिट गयी। वह दानवों का आवास बन गयी थी। हर किसी दुष्टात्मा का वह बसेरा बन गयी थी। हर किसी घृणित पक्षी का वह बसेरा बन गयी थी! हर किसी अपवित्र, निन्दा योग्य पशु का।