वे तुम्हारे विषय में यह करुण गीत गायेंगे: “‘हे सोर, तुम प्रसिद्ध नगर थे समुद्र पार से लोग तुम पर बसने आए। तुम प्रसिद्ध थे, किन्तु अब तुम कुछ नहीं हो। तुम सागर पर शक्तिशाली थे, और वैसे ही तुम में निवास करने वाले व्यक्ति थे! तुमने विशाल भू—पर रहने वाले सभी लोगों को भयभीत किया।
कहेंगे: ‘कितना भयावह और कितनी भयानक है, महानगरी! यह उसके हेतु हुआ। उत्तम मलमली वस्त्र पहनती थी बैजनी और किरमिजी! और स्वर्ण से बहुमूल्य रत्नों से सुसज्जित मोतियों से सजती ही रही थी।