“यदि अंगूर तोड़ने वाले आते हैं और अपने अंगूर के बागों से अंगूर तोड़ते हैं और बेलों पर कुछ अंगूर छोड़ ही देते हैं। यदि चोर रात को आते हैं तो वे उतना ही ले जाते हैं जितना उन्हें चाहिये सब नहीं।
“वह समय उस समय के भी समान होगा जब लोग जैतून की फसल उतारते हैं। लोग जैतून के पेड़ों से जैतून झाड़ते हैं। किन्तु पेड़ की चोटी पर प्राय: कुछ फल तब भी बचे रह जाते हैं। चोटी की कुछ शाखाओं पर चार पाँच जैतून के फल छूट जाते हैं। उन नगरों में भी ऐसा ही होगा।” सर्वशक्तिमान यहोवा ने ये बातें कही थीं।
सर्वशक्तिमान यहोवा जो कहता है, वह यह है: “उन इस्राएल के लोगों को इकट्ठा करो जो अपने देश में बच गए थे। उन्हें इस प्रकार इकट्ठे करो, जैसे तुम अंगूर की बेल से आखिरी अंगूर इकट्ठे करते हो। अंगूर इकट्ठे करने वाले की तरह हर एक बेल की जाँच करो।”