हर कोई भयभीत होगा। डर से लोगों को ऐसे दुख लगेंगे जैसे किसी बच्चे को जन्म देने वाली माँ का पेट दुखने लगता है। उनके मुँह लाल हो जायेंगे, जैसे कोई आग हो। लोग अचरज में पड़ जायेंगे क्योंकि उनके सभी पड़ोसियों के मुखों पर भी भय दिखाई देगा।
मैंने यें भयानक बातें देखी और अब मैं बहुत डर गया हूँ। डर के मारे पेट में दर्द हो रहा है। यह दर्द प्रसव की पीड़ा जैसा है। जो बातें मैं सुनता हूँ, वे मुझे बहुत डराती है। जो बातें मैं देख रहा हूँ, उनके कारण मैं भय के मारे काँपने लगता हूँ।
“यह प्रश्न पूछो इस पर विचार करो: क्या कोई पुरुष बच्चे को जन्म दे सकता है निश्चय ही नही! तब मैं हर एक शक्तिशाली व्यक्ति को पेट पकड़े क्यों देखता हूँ मानों वे प्रसव करने वाली स्त्री की पीड़ा सह रहे हो क्यों हर एक व्यक्ति का मुख शव सा सफेद हो रहा है क्यों? क्योंकि लोग अत्यन्त भयभीत हैं।
मैं एक चीख सुनता हूँ जो उस स्त्री की चीख की तरह है जो बच्चा जन्म रही हो। यह चीख उस स्त्री की तरह है जो प्रथम बच्चे को जन्म रही हो। यह सिय्योन की पुत्री की चीख है। वह अपने हाथ प्रार्थना में यह कहते हुए उठा रही है, “आह! मैं मूर्छित होने वाली हूँ, हत्यारे मेरे चारों ओर हैं!”
यहोवा उस उकाब की तरह मंडरायेगा जो अपने शिकार पर टूटता है। यहोवा बोस्रा नगर पर अपने पंख उकाब के समान फैलाया है। उस समय एदोम के सैनिक बहुत आतंकित होंगे। वे प्रसव करती स्त्री की तरह भय से रोएंगे।
दमिश्क नगर दुर्बल हो गया है। लोग भाग जाना चाहते हैं। लोग भय से घबराने को तैयार बैठे हैं। प्रसव करती स्त्री की तरह लोग पीड़ा और कष्ट का अनुभव कर रहे हैं।
बाबुल के घोड़ों और रथों को तलवार के घाट उतरने दो। अन्य देशों के भाड़े के सैनिकों को तलवार से कट जाने दो। वे सैनिक भयभीत अबलाओं की तरह होंगे। बाबुल के खजाने के विरुद्ध तलवार उठने दो, वे खजाने ले लिये जाएंगे।
बाबुल के राजा ने उन सेनाओं के बारे में सुना, और वह आतंकित हो गया। वह इतना डर गया है कि उसके हाथ हिल नहीं सकते। उसके डर से उसके पेट में ऐसे पीड़ा हो रही है, जैसे वह प्रसव करने वाली स्त्री हो।”
कसदी सैनिकों ने लड़ना बन्द कर दिया है। वे अपने दुर्गों में ठहरे हैं। उनकी शक्ति क्षीण हो गई है। वे भयभीत अबला से हो गये हैं। बाबुल के घर जल रहे हैं। उसके फाटकों के अवरोध टूट गए हैं।
हमने उस सेना के बारे में सूचना पाई है। हम भय से असहाय हैं। हम स्वयं को विपत्तियों के जाल में पड़ा अनुभव करते हैं। हम वैसे ही कष्ट में हैं जैसे एक स्त्री को प्रसव—वेदना होती है।
जब लोग कह रहे होंगे कि “सब कुछ शांत और सुरक्षित है” तभी जैसे एक गर्भवती स्त्री को अचानक प्रसव वेदना आ घेरती है वैसे ही उन पर विनाश उतर आयेगा और वे कहीं बच कर भाग नहीं पायेंगे।