“मुझे मोआब के लिये बहुत दु:ख है। शोक गीत छेड़ने वाली बाँसुरी की धुन की तरह मेरा हृदय रूदन कर रहा है। मैं कीर्हेरेस के लोगों के लिये दु:खी हूँ। उनके धन और सम्पत्ति सभी ले लिये गए हैं।
इस्राएलियों ने नगरों को पराजित किया। उन्होंने मोआब के हर एक अच्छे खेत में अपने पत्थर फेंके। उन्होंने सभी पानी के सोतों को रोक दिया और उन्होंने सभी अच्छे पेड़ों को काट डाला। इस्राएली लगातार कीर्हरेशेत तक लड़ते गए। सैनिकों ने कीर्हरेशेत का भी घेरा डाला और उस पर भी आक्रमण किया!
मेरा मन दु:ख से मोआब के लिये रोता है। लोग कहीं शरण पाने को दौड़ रहे हैं। वे सुदूर जोआर में जाने को भाग रहे हैं। लोग दूर के देश एग्लतशलीशिय्या को भाग रहे हैं। लोग लूहीत की पहाड़ी चढ़ाई पर रोते बिलखाते हुए भाग रहे हैं। लोग होरोनैम के मार्ग पर और वे बहुत ऊँचे स्वर में रोते बिलखते हुए जा रहे हैं।
हे यहोवा, तू आकाश से नीचे देख। उन बातों को देख जो घट रही हैं! तू हमें अपने महान पवित्र घर से जो आकाश मैं है, नीचे देख। तेरा सुदृढ़ प्रेम हमारे लिये कहाँ है तेरे शक्तिशाली कार्य कहाँ है तेरे हृदय का प्रेम कहाँ है मेरे लिये तेरी कृपा कहाँ है तूने अपना करूण प्रेम मुझसे कहाँ छिपा रखा है
“कभी कभी एक चिड़िया उस अंडे से बच्चा निकालती है जिसे उसने नहीं दिया। वह व्यक्ति जो धन के लिये ठगता है, उस चिड़िया के समान है। जब उस व्यक्ति की आधी आयु समाप्त होगी तो वह उस धन को खो देगा। अपने जीवन के अन्त में यह स्पष्ट हो जाएगा कि वह एक मूर्ख व्यक्ति था।”
आह, मेरा दुःख और मेरी परेशानी मेरे पेट में दर्द कर रही हैं। मेरा हृदय धड़क रहा है। हाय, मैं इतना भयभीत हूँ। मेरा हृदय मेरे भीतर तड़प रहा है। मैं चुप नहीं बैठ सकता। क्यों क्योंकि मैंने तुरही का बजना सुना है। तुरही सेना को युद्ध के लिये बुला रही है।