“दीबोन में रहने वाले लोगों अपने प्रतिष्ठा के स्थान से बाहर निकलो। धूलि में जमीन पर बैठो क्यों क्योंकि मोआब का विध्वंसक आ रहा है और वह तुम्हारे दृढ़ नगरों को नष्ट कर देगा।
हाजिरा वहाँ से कुछ दूर गई। तब वह रुकी और बैठ गई। हाजिरा ने सोचा कि उसका पुत्र मर जाएगा क्योंकि वहाँ पानी नहीं था। वह उसे मरता हुआ देखना नहीं चाहती थी। वह वहाँ बैठ गई और रोने लगी।
किन्तु लोग बहुत प्यासे थे। इसलिए उन्होंने मूसा से शिकायत जारी रखी। लोगों ने कहा, “हम लोगों को तुम मिस्र से बाहर क्यों लाए? क्या तुम इसलिए लाए कि पानी के बिना हमको, हमारे बच्चों को और हमारी गाय, बकरियों को प्यासा मार डालो?”
राजा का घराना और दिबोन के निवासी अपना दु:ख रोने को ऊँचे पर पूजास्थलों में चले गये। मोआब के निवासी नबो और मेदबा के लिये रोते हैं। उन सभी लोगों ने अपनी दाढ़ी और सिर अपना शोक दर्शाने के लिये मुड़ाये थे।
यहोवा कहता है, “मेरे लोगों को बंदी बना कर कहीं दूर ले जाया जायेगा। क्योंकि सचमुच वे मुझे नहीं जानते। इस्राएल के कुछ निवासी, आज बहुत महत्वपूर्ण है और अपने आराम भरे जीवन से प्रसन्न हैं, किन्तु वे सभी बड़े लोग बहुत मूर्ख हो जाएँगे और इस्राएल के आम लोग बहुत प्यासे हो जायेंगे।
उन्होंने कहा, “तेरे सेवक, हम लोगों के पास भारी संख्या में मवेशी हैं और वह भूमि जिसे यहोवा ने इस्राएल के लोगों को युद्ध में दिया है, मवेशियों के लिए ठीक है। इस प्रदेश में अतारोत, दीबोन याजेर, निम्रा, हेशबोन, एलाले, सबाम नबो और बोन शामिल हैं।
मूसा ने जो भूमि यरदन नदी के पूर्व में उन्हें दी थी, वह यह है: इस भूमि के अन्तर्गत दीबोन से मेदबा तक का पूरा मैदान आता है। यह भूमि अर्नान संकरी घाटी पर अरोएर से आरम्भ होती है। यह भूमि घाटी के बीच नगर तक लगातार फैली है।
शिमशोन को बहुत प्यास लगी थी। इसलिए उसने यहोवा को पुकारा। उसने कहा, “मैं तेरा सेवक हूँ। तूने मुझे यह बड़ी विजय दी है। क्या अब मुझे प्यास से मरना पड़ेगा? क्या मुझे उनसे पकड़ा जाना होगा जिनका खतना नहीं हुआ है?”