यिर्मयाह 46:28पवित्र बाइबलयहोवा यह सब कहता है: “याकूब मेरे सेवक, डरो नहीं। मैं तुम्हारे साथ हूँ। मैंने तुम्हें विभिन्न स्थानों में दूर भेजा और मैं उन सभी राष्ट्रों को पूर्णत: नष्ट करूँगा। किन्तु मैं तुम्हें पूर्णत: नष्ट नहीं करूँगा। तुम्हें उसका दण्ड मिलना चाहिये जो तुमने बुरे काम किये हैं। अत: मैं तुम्हें दण्ड से बच निकालने नहीं दूँगा। मैं तुम्हें अनुशासन में लाऊँगा, किन्तु मैं उचित ही करूँगा!” अध्याय देखें |
अत: मैं उत्तर के सभी परिवार समूहों को शीघ्र बुलाऊँगा।” यह सन्देश यहोवा का है। “मैं शीघ्र ही बाबुल के राजा नबूकदनेस्सर को भेजूँगा। वह मेरा सेवक है। मैं उन लोगों को यहूदा देश और यहूदा के लोगों के विरुद्ध बुलाऊँगा। मैं उन्हें तुम्हारे चारों ओर के पड़ोसी राष्ट्रों के विरुद्ध भी लाऊँगा। मैं उन सभी देशों को नष्ट करुँगा। मैं उन देशों को सदैव के लिये सूनी मरुभूमि बना दूँगा। लोग उन देशों को देखेंगे और जिस बुरी तरह से वे नष्ट हुए हैं उस पर सीटी बजाएंगे।
“अत: मेरे सेवक याकूब डरो नहीं।” यह सन्देश यहोवा का है। “इस्राएल, डरो नहीं। मैं उस अति दूर के स्थान से तुम्हें बचाऊँगा। तुम उस बहुत दूर के देश में बन्दी हो, किन्तु मैं तुम्हारे वंशजों को उस देश से बचाऊँगा। याकूब फिर शान्ति पाएगा। याकूब को लोग तंग नहीं करेंगे। मेरे लोगों को भयभीत करने वाला कोई शत्रु नहीं होगा।
इस्राएल और यहूदा के लोगों, मैं तुम्हारे साथ हूँ।” यह सन्देश यहोवा का है, “और मैं तुम्हें बचाऊँगा। मैंने तुम्हें उन राष्ट्रों में भेजा। किन्तु मैं उन सभी राष्ट्रों को पूरी तरह नष्ट कर दूँगा। यह सत्य है कि मैं उन राष्ट्रों को नष्ट करुँगा। किन्तु मैं तुम्हें नष्ट नहीं करुँगा। तुम्हें उन बुरे कामों का जरूर दण्ड मिलेगा जिन्हें तुमने किये। किन्तु मैं तुम्हें अच्छी प्रकार से अनुशासित करूँगा।”
फिर तत्काल ही लोहा, मिट्टी, काँसा, चाँदी और सोना सब चूर—चूर हो गया और वह चूरा गर्मियों के दिनों में खलिहान के भूसे जैसा हो गया। उन टुकड़ों को हवा उड़ा ले गयी। वहाँ कुछ भी तो नही बचा। कोई यह कह ही नहीं सकता था कि वहाँ कभी कोई मूर्ति थी भी। फिर वह चट्टान जो उस मूर्ति से टकराई थी, एक विशाल पर्वत के रूप में बदल गयी और सारी धरती पर छा गयी।”
हे यहोवा, मैंने तेरे विषय में सुना है। हे यहोवा, बीते समय में जो शक्तिपूर्ण कार्य तूने किये थे, उनपर मुझको आश्चर्य है। अब मेरी तुझसे विनती है कि हमारे समय में तू फिर उनसे भी बड़े काम कर। मेरी तुझसे विनती है कि तू हमारे अपने ही दिनों में उन बातों को प्रकट करेगा किन्तु जब तू जोश में भर जाये तब भी तू हम पर दया को दर्शाना याद रख।