अत: इस देश के लोग मेरे लोगों के लिये रोयेंगे। आकाश अँधकारपूर्ण होगा। मैंने कह दिया है, और बदलूँगा नहीं। मैंने एक निर्णय किया है, और मैं अपना विचार नहीं बदलूँगा।”
आकाश चर्म पत्र के समान लपेट कर मूंद दिये जायेंगे। ग्रह—तारे मर कर किसी अँगूर की बेल या अंजीर के पत्तों के समान गिरने लगेंगे। आकाश के सभी तारे पिघल जायेंगे।
सो, उस दिन वह “सिंह” समुद्र की तरंगों के समान दहाड़े मारेगा और बंदी बनाये गये लोग धरती ताकते रह जायेंगे, और फिर वहाँ बस अन्धेरा और दुःख ही रह जाएगा। इस घने बादल में समूचा प्रकाश अंधेरे में बदल जाएगा।
उन्होंने मेरे खेत को मरुभूमि में बदल दिया है। यह सूख गया और मर गया। कोई भी व्यक्ति वहाँ नहीं रहता। पूरा देश ही सूनी मरुभूमि है। उस खेत की देखभाल करने वाला कोई व्यक्ति नहीं बचा है।
कितने अधिक समय तक भूमि प्यासी पड़ी रहेगी घास कब तक सूखी और मरी रहेगी इस भूमि के जानवर और पक्षी मर चुके हैं और यह दुष्ट लोगों का अपराध है। फिर भी वे दुष्ट लोग कहते हैं, “यिर्मयाह हम लोगों पर आने वाली विपत्ति को देखने को जीवित नहीं रहेगा।”
“यहूदा राष्ट्र उन लोगों के लिये रो रहा है जो मर गये हैं। यहूदा के नगर के लोग दुर्बल, और दुर्बल होते जा रहे हैं। वे लोग भूमि पर लेट कर शोक मनाते हैं। यरूशलेम नगर से एक चीख परमेश्वर के पास पहुँच रही है।
यहूदा देश ऐसे लोगों से भरा है जो व्यभिचार का पाप करते हैं। वे अनेक प्रकार से अभक्त हैं। यहोवा ने भूमि को अभिशाप दिया और वह बहुत सूख गई। पौधे चरगाहों में सूख रहे हैं और मर रहे हैं। खेत मरुभूमि से हो गए हैं। नबी पापी हैं, वे नबी अपने प्रभाव और अपनी शक्ति का उपयोग गलत ढंग से करते हैं।
यहोवा तब तक क्रोधित रहेगा जब तक वे लोगों को दण्ड देना पूरा नहीं करता वह तब तक क्रोधित रहेगा जब तक वह अपनी योजना के अनुसार दण्ड नहीं दे लेता। जब वह दिन आएगा तो यहूदा के लोगों, तुम समझ जाओगे।
बाबुल की दीवारों के विरुद्ध झण्डे उठा लो। अधिक रक्षक लाओ। चौकीदारों को उनके स्थान पर रखो। एक गुप्त आक्रमण के लिये तैयार हो जाओ। यहोवा वह करेगा जो उसने योजना बनाई है। यहोवा वह करेगा जो उसने बाबुल के लोगों के विरुद्ध करने को कहा।
“यिर्मयाह, जहाँ तक तुम्हारी बात है, तुम यहूदा के इन लोगों के लिये प्रार्थना मत करो। न उनके लिये याचना करो और न ही उनके लिये प्रार्थना। उनकी सहायता के लिये मुझसे प्रार्थना मत करो। उनके लिये तुम्हारी प्रार्थना को मैं नहीं सुनूँगा।
यहोवा ने वैसा ही किया जैसी उसकी योजना थी। उसने वैसा ही किया जैसा उसने करने के लिये कहा था। बहुत—बहुत दिनों पहले जैसा उसने आदेश दिया था, वैसा ही कर दिया। उसने बर्बाद किया, उसको दया तक नहीं आयी। उसने तेरे शत्रुओं को प्रसन्न किया कि तेरे साथ ऐसा घटा। उसने तेरे शत्रुओं की शक्ति बढ़ा दी।
“‘मैं यहोवा हूँ। मैंने कहा, तुम्हें दण्ड मिलेगा, और मैं इसे दिलाऊँगा। मैं दण्ड को रोकूँगा नहीं। मैं तुम्हारे लिये दु:ख का अनुभव नहीं करूँगा। मैं तुम्हें उन बुरे पापों के लिये दण्ड दूँगा जो तुमने किये।’ मेरे स्वामी यहोवा ने यह कहा।”
“क्या मैं उन्हें कब्र की शक्ति से बचा लूँ? क्या मैं उनको मृत्यु से मुक्त करा लूँ? हे मृत्यु, कहाँ है तेरी व्याधियाँ? हे कब्र, तेरी शक्ति कहाँ है? मेरी दृष्टी से करूणा छिपा रहेगी!
इसलिये यह देश ऐसा हो गया है जैसा किसी की मृत्यु के ऊपर रोता हुआ कोई व्यक्ति हो। यहाँ के सभी लोग दुर्बल हो गये हैं। यहाँ तक कि जंगल के पशु, आकाश के पक्षी और सागर की मछलियाँ मर रही हैं।
सर्वशक्तिमान यहोवा कहता है, “तुम्हारे पूर्वजों ने मुझे क्रोधित किया था। अत: मैंने उन्हें नष्ट करने का निर्णय लिया। मैंने अपने इरादे को न बदलने का निश्यच किया।” सर्वशक्तिमान यहोवा ने यह सब कहा।
परमेश्वर मनुष्य नहीं है, वह झूठ नहीं बोलेगा; परमेश्वर मनुष्य पुत्र नहीं, उसके निर्णय बदलेंगे नहीं। यदि यहोवा कहता है कि वह कुछ करेगा तो वह अवश्य उसे करेगा। यदि यहोवा वचन देता है तो अपने वचन को अवश्य पूरा करेगा।
सब बातें योजना और परमेश्वर के निर्णय के अनुसार की जाती हैं। और परमेश्वर ने अपने निजी प्रयोजन के कारण ही हमें उसी मसीह में संत बनने के लिये चुना है। यह उसके अनुसार ही हुआ जिसे परमेश्वर ने अनादिकाल से सुनिश्चित कर रखा था।
फिर जब मेमने ने छठी मुहर तोड़ी तो मैंने देखा कि वहाँ एक बड़ा भूचाल आया हुआ है। सूरज ऐसे काला पड़ गया है जैसे किसी शोक मनाते हुए व्यक्ति के वस्त्र होते हैं तथा पूरा चाँद, लहू के जैसा लाल हो गया है।