लोग गेहूँ बोएंगे, किन्तु वे केवल काँटे ही काटेंगे। वे अत्याधिक थकने तक काम करेंगे, किन्तु वे अपने सारे कामों के बदले कुछ भी नहीं पाएंगे। वे अपनी फसल पर लज्जित होंगे। यहोवा के क्रोध ने यह सब कुछ किया।”
कितने अधिक समय तक भूमि प्यासी पड़ी रहेगी घास कब तक सूखी और मरी रहेगी इस भूमि के जानवर और पक्षी मर चुके हैं और यह दुष्ट लोगों का अपराध है। फिर भी वे दुष्ट लोग कहते हैं, “यिर्मयाह हम लोगों पर आने वाली विपत्ति को देखने को जीवित नहीं रहेगा।”
मैं आनन्द और प्रसन्नता के कहकहों को यहूदा के नगरों और यरूशलेम की सड़कों पर समाप्त कर दूँगा। यहूदा और यरूशलेम में दुल्हन और दुल्हे की हँसी—ठिठोली अब से आगे नहीं सुनाई पड़ेगी। पूरा प्रदेश सूनी मरुभूमि बन जाएगा।”
मैं (यिर्मयाह) पर्वतों के लिये फूट फूट कर रोऊँगा। मैं खाली खेतों के लिये शोकगीत गाऊँगा। क्यों क्योंकि जीवित वस्तुएँ छीन ली गई। कोई व्यक्ति वहाँ यात्रा नहीं करता। उन स्थान पर पशु ध्वनि नहीं सुनाई पड़ सकती। पक्षी उड़ गए हैं और जानवर चले गए हैं।
यहोवा ने अपनी ही वेदी को नकार दिया और उसने अपना उपासना का पवित्र स्थान को नकार दिया था। यरूशलेम के महलों की दिवारें उसने शत्रु को सौंप दी। यहोवा के मन्दिर में शत्रु शोर कर रहा था। वे ऐसे शोर करते थे जैसे कोई छुट्टी का दिन हो।
हे मुखियाओं, तुम्हारे ही कारण सिय्योन का विनाश होगा। यह किसी जुते हुए खेत सा सपाट हो जायेगा। यरूशलेम पत्थरों का टीला बन जाएगा और मन्दिर का पर्वत झाड़ियों से ढ़का हुआ एक सूनी पहाड़ी होगा।
उनका सोना—चाँदी उनकी सहायता नहीं कर पाएंगे! उस समय, यहोवा बहुत क्षुब्द और क्रोधित होगा। यहोवा पूरे संसार को अपने क्रोध की अग्नि में जलाकर नष्ट कर देगा! यहोवा पूरी तरह पृथ्वी पर सब कुछ नष्ट कर देगा!”