अत: राजा यहोयाकीम ने यहूदी को पत्रक को लेने भेजा। यहूदी शास्त्री एलीशामा के कमरे से पत्रक को लाया। तब यहूदी ने राजा और उसके चारों ओर खड़े सभी सेवकों को पत्रक को पढ़ कर सुनाया।
मूसा वह नहीं है जो गेहूँ है। ठीक उसी प्रकार उन नबियों के स्वप्न मेरे सन्देश नहीं हैं। यदि कोई व्यक्ति अपने स्वप्नों को कहना चाहता है तो उसे कहने दो। किन्तु उस व्यक्ति को मेरे सन्देश को सच्चाई से कहने दो जो मेरे सन्देश को सुनता है।
यहोवा ने कहा, “यिर्मयाह, यहोवा के मन्दिर के आँगन में खड़े होओ। यहूदा के उन सभी लोगों को यह सन्देश दो जो यहोवा के मन्दिर में पूजा करने आ रहे हैं। तुम उनसे वह सब कुछ कहो जो मैं तुमसे कहने को कह रहा हूँ। मेरे सन्देश के किसी भाग को मत छोड़ो।
तब उन अधिकारियों ने बारुक के पास यहूदी नामक एक व्यक्ति को भेजा। (यहूदी शेलेम्याह के पुत्र नतन्याह का पुत्र था। शेलेम्याह कूशी का पुत्र था।) यहूदी ने बारुक से कहा, “वह पत्रक तुम लाओ जिसे तुमने पढ़ा और मेरे साथ चलो।” नेरिय्याह के पुत्र बारुक ने पत्रक को लिया और यहूदी के साथ अधिकारियों के पास गया।