यहोवा जो कहता है, वह यह है, “मैंने इस्राएल और यहूदा के लोगों पर यह बड़ी विपत्ति ढाई है। इसी तरह मैं उन्हें अच्छी चीज़ें दूँगा। मैं उन्हें अच्छी चीज़ें करने का वचन देता हूँ।
अतीत में, मैंने इस्राएल और यहूदा पर ध्यान दिया, किन्तु मैंने उस समय उन्हें फटकारने की दृष्टि से ध्यान दिया। मैंने उन्हें उखाड़ फेंका। मैंने उन्हें नष्ट किया। मैंने उन पर अनेक विपत्तियाँ ढाई। किन्तु अब मैं उन पर उनको बनाने तथा उन्हें शक्तिशाली करने की दृष्टि से ध्यान दूँगा।” यह सन्देश यहोवा का है।
तब यरूशलेम आश्चर्यचकित करने वाला स्थान हो जायेगा। लोग सुखी होंगे और अन्य राष्ट्रों के लोग इसकी प्रशंसा करेंगे। यह उस समय होगा जब लोग यह सुनेंगे कि वहाँ सब अच्छा हो रहा है। वे उन अच्छे कामों को सुनेंगे जिन्हें मैं यरूशलेम के लिये कर रहा हूँ।’