इस्राएल के किसानों, तुम अंगूर के बाग फिर लगाओगे। तुम शोमरोन नगर के चारों ओर पहाड़ी पर उन अंगूरों के बाग लगाओगे और किसान लोग उन अंगूरों के बागों के फलों का आनन्द लेंगे।
वे उस देश में सुरक्षित रहेंगे। वे घर बनायेंगे तथा अंगूर की बेलें लगाएंगे। मैं उसके चारों ओर के राष्ट्रों को दण्ड दूँगा जिन्होंने उससे घृणा की। तब इस्राएल के लोग सुरक्षित रहेंगे। तब वे समझेंगे कि मैं उनका परमेश्वर यहोवा हूँ।”
मैं अपने लोगों इस्राएलियों को देश निकाले से वापस लाऊँगा। वे नष्ट हुए नगरों को फिर से बनाएंगे और उन नगरों में रहेंगे। वे अंगूर की बेलों के बाग लगाएंगे और वे उन बागों से प्राप्त दाखमधु पीएंगे। वे बाग लगाएंगे और वे उन बागों के फलों को खाएंगे।
तब नेगव के लोग एसाव पर्वत पर रहेंगे और पर्वत की तराईयों के लोग पलिश्ती प्रदेश को लेंगे। परमेश्वर के वे लोग एप्रैम और शोमरोन की भूमि पर रहेंगे। गिलाद, बिन्यामीन का होगा।
इसलिये मैं शोमरोन को खाली मैदान के खण्डहरों का ढ़ेर बनाऊँगा। वह ऐसा स्थान हो जायेगा जिसमें अंगूर लगाये जाते हैं। मैं शोमरोन के पत्थरों को घाटी में नीचे उखाड़ फेंकूँगा और मैं उसकी नीवों को बर्बाद करदूँगा!
किन्तु हर कोई अपने अंगूरों की बेलों तले और अंजीर के पेड़ के नीचे बैठा करेगा। कोई भी व्यक्ति उन्हें डरा नहीं पायेगा! क्यों क्योंकि सर्वशक्तिमान यहोवा ने यह कहा है!
सर्वशक्तिमान यहोवा कहता है, “उस समय, लोग बैठेंगे और अपने मित्रों एवं पड़ोसियों को अपने उद्यानों में आमंन्त्रित करेंगे। हर व्यक्ति अपने अंजीर के पेड़ तथा अंगूर की बेल के नीचे अमन—चैन से रहेगा।”
क्या कोई व्यक्ति यहाँ ऐसा है जिसने अंगूर के बाग लगाये हैं, किन्तु अभी तक उससे कोई अंगूर नहीं लिया है? उस व्यक्ति को घर लौट जाना चाहिए। यदि वह व्यक्ति युद्ध में मारा जाता है तो दूसरा व्यक्ति उसके बाग के फल का भोग करेगा।
“तुम्हारा विवाह किसी स्त्री के साथ पक्का हो सकता है, किन्तु दूसरा व्यक्ति उसके साथ सोयेगा। तुम कोई घर बना सकते हो, किन्तु तुम उसमें रहोगे नहीं। तुम अंगूर का बाग लगा सकते हो, किन्तु इससे कुछ भी इकट्ठा नहीं कर सकते।
दाऊद ने याजक को उत्तर दिया “हम लोग इन दिनों किसी स्त्री के साथ नहीं रहे हैं। हमारे व्यक्ति अपने शरीर को पवित्र रखते हैं जब कभी हम युद्ध करने जाते हैं, यहाँ तक कि सामान्य उद्देश्य के लिये जाने पर भी और आज के लिए तो यह विशेष रूप से सच है क्योंकि हमारा काम अति विशिष्ट है।”