तब यिर्मयाह ने तोपेत को छोड़ा जहाँ यहोवा ने उपदेश देने को कहा था। यिर्मयाह यहोवा के मन्दिर को गया और उसके आँगन में खड़ा हुआ। यिर्मयाह ने सभी लोगों से कहा,
यहोवा ने कहा, “यिर्मयाह, यहोवा के मन्दिर के आँगन में खड़े होओ। यहूदा के उन सभी लोगों को यह सन्देश दो जो यहोवा के मन्दिर में पूजा करने आ रहे हैं। तुम उनसे वह सब कुछ कहो जो मैं तुमसे कहने को कह रहा हूँ। मेरे सन्देश के किसी भाग को मत छोड़ो।
यहूदा में सिदकिय्याह के राज्यकाल के चौथे वर्ष के पाँचवें महीने में हनन्याह नबी ने मुझसे बात की। हनन्याह अज्जूर नामक व्यक्ति का पुत्र था। हनन्याह गिबोन नगर का रहने वाला था। हनन्याह ने जब मुझसे बातें की, तब वह यहोवा के मन्दिर में था। याजक और सभी लोग भी वहाँ थे। हनन्याह ने जो कहा वह यह है:
यिर्मयाह, यहोवा के मन्दिर के द्वार के सामने खड़े हो। द्वार पर यह सन्देश घोषित करो: “‘यहूदा राष्ट्र के सभी लोगों, यहोवा के यहाँ का सन्देश सुनो। यहोवा की उपासना करने के लिये तुम सभी लोग जो इन द्वारों से होकर आए हो इस सन्देश को सुनो।