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क्रॉस रेफरेंस
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यिर्मयाह 26:13

पवित्र बाइबल

तुम लोगों को अपना जीवन बदलना चाहिये! तुम्हें अच्छे काम करना आरम्भ करना चाहिये। तुम्हें अपने यहोवा परमेश्वर की आज्ञा माननी चाहिये। यदि तुम ऐसा करोगे तो यहोवा अपना इरादा बदल देगा। यहोवा वे बुरी विपत्तियाँ नहीं लायेगा, जिनके घटित होने के बारे में उसने कहा।

अध्याय देखें प्रतिलिपि

21 क्रॉस रेफरेंस  

इसलिए यहोवा ने लोगों के लिए अफ़सोस किया। यहोवा ने वह नहीं किया जो उसने कहा कि वह करेगा अर्थात् लोगों को नष्ट नहीं किया।

“यदि तुम मेरी कही बातों पर ध्यान देते हो, तो तुम इस धरती की अच्छी वस्तुएँ प्राप्त करोगे।

हे पापियों! अपने पापपूर्ण जीवन को त्यागो। तुमको चाहिये कि तुम बुरी बातें सोचना त्याग दो। तुमको चाहिये कि तुम यहोवा के पास लौट आओ। जब तुम ऐसा करोगे तो यहोवा तुम्हें सुख देगा। उन सभी को चाहिये कि वे यहोवा की शरण में आयें क्योंकि परमेश्वर हमें क्षमा करता है।

मैं उस वाचा के बारे में कह रहा हूँ जिसे मैंने तुम्हारे पूर्वजों के साथ की। मैंने वह वाचा उनके साथ तब की जब मैं उन्हें मिस्र से बाहर लाया। मिस्र अनेक मुसीबतों की जगह थी यह लोहे को पिघला देने वाली गर्म भट्टी की तरह थी।’ मैंने उन लोगों से कहा, ‘मेरी आज्ञा मानो और वह सब करो जिसका मैं तुम्हें आदेश दूँ। यदि तुम यह करोगे तो तुम मेरे लोग रहोगे और मैं तुम्हारा परमेश्वर होऊँगा।’

“अत: यिर्मयाह, यहूदा के लोगों और यरूशलेम में जो लोग रहते हैं उनसे कहो, ‘यहोवा जो कहता है वह यह है: अब मैं सीधे तुम लोगों के लिये विपत्ति का निर्माण कर रहा हूँ। मैं तुम लोगों के विरुद्ध योजना बना रहा हूँ। अत: उन बुरे कामों को करना बन्द करो जो तुम कर रहे हो। हर एक व्यक्ति को बदलना चाहिये और अच्छा काम करना आरम्भ करना चाहिये।’

किन्तु उस राष्ट्र के लोग अपने हृदय और जीवन को बदल सकते हैं। उस राष्ट्र के लोग बुरे काम करना छोड़ सकते हैं। तब मैं अपने इरादे को बदल दूँगा। मैं उस राष्ट्र पर विपत्ति ढाने की अपनी योजना का अनुसरण करना छोड़ सकता हूँ।

“हिजकिय्याह यहूदा का राजा था और हिजकिय्याह ने मीकायाह को नहीं मारा। यहूदा के किसी व्यक्ति ने मीकायाह को नहीं मारा। तुम जानते हो हिजकिय्याह यहोवा का सम्मान करता था। वह यहोवा को प्रसन्न करना चाहता था। यहोवा कह चुका था कि वह यहूदा का बुरा करेगा। किन्तु हिजकिय्याह ने यहोवा से प्रार्थना की और यहोवा ने अपना इरादा बदल दिया। यहोवा ने वे बुरी विपत्तियाँ नहीं आने दीं। यदि हम लोग यिर्मयाह को चोट पहुँचायेंगे तो हम लोग अपने ऊपर अनेक विपत्तियाँ बुलाएंगे और वे विपत्तियाँ हम लोगों के अपने दोष के कारण होंगी।”

संभव है वे मेरे सन्देश को सुनें और उसके अनुसार चलें। संभव है वे ऐसी बुरी जिन्दगी बिताना छोड़ दें। यदि वे बदल जायें तो मैं उनको दण्ड देने की योजना के विषय में, अपने निर्णय को बदल सकता हूँ। मैं उनको वह दण्ड देने की योजना बना रहा हूँ क्योंकि उन्होंने अनेक बुरे काम किये हैं।

इस्राएल और यहूदा के लोगों, मैंने अपने सेवक नबियों को तुम्हारे पास भेजा। मैंने उन्हें तुम्हारे पास बार बार भेजा। उन नबियों ने तुमसे कहा, “इस्राएल और यहूदा के लोगों, तुम सब को बुरा करना छोड़ देना चाहिये। तुम्हें अच्छा होना चाहिये। अन्य देवताओं का अनुसरण न करो। उन्हें न पूजो, न ही उनकी सेवा करो। यदि तुम मेरी आज्ञा का पालन करोगे तो तुम उस देश में रहोगे जिसे मैंने तुम्हें और तुम्हारे पूर्वजों को दिया है।” किन्तु तुम लोगों ने मेरे सन्देश पर ध्यान नहीं दिया।

संभव है, यहूदा का परिवार यह सुने कि मैं उनके लिये क्या करने की योजना बना रहा हूँ और संभव है वे बुरा काम करना छोड़ दें। यदि वे ऐसा करेंगे तो मैं उन्हें, जो बुरे पाप उन्होंने किये हैं, उसके लिये क्षमा कर दूँगा।”

किन्तु यिर्मयाह ने उत्तर दिया, “सैनिक तुम्हें यहूदा के उन लोगों को नहीं देंगे। राजा सिदकिय्याह, जो मैं कह रहा हूँ उसे करके, यहोवा की आज्ञा का पालन करो। तब सभी कुछ तुम्हारे भले के लिये होगा और तुम्हारा जीवन बच जाएगा।

यदि तुम लोग यहूदा में रहोगे तो मैं तुम्हारा निर्माण करूँगा मैं तुम्हें नष्ट नहीं करूँगा। मैं तुम्हें रोपूँगा और मैं तुमको उखाड़ूँगा नहीं। मैं यह इसलिये करूँगा कि मैं उन भयंकर विपत्तियों के लिये दु:खी हूँ जिन्हें मैंने तुम लोगों पर घटित होने दीं।

“तुम्हें उनसे कहना चाहिए, ‘मेरा स्वामी यहोवा कहता है: मैं अपनी जीवन की शपथ खाकर विश्वास दिलाता हूँ कि मैं लोगों को मरता देख कर आनन्दित नहीं होता, पापी व्यक्तियों को भी नहीं। मैं नहीं चाहता कि वे मरें। मैं उन पापी व्यक्तियों को अपने पास लौटाना चाहता हूँ। मैं चाहता हूँ कि वे अपने जीवन को बदलें जिससे वे जीवित रह सकें। अत: मेरे पास लौटो! बुरे काम करना छोड़ो! इस्राएल के परिवार, तुम्हें मरना ही क्यों चाहिए?’

कौन जानता है, सम्भव है यहोवा अपना मन बदल ले और यह भी सम्भव है कि वह तुम्हारे लिये कोई वरदान छोड़ जाये। फिर तुम अपने परमेश्वर यहोवा को अन्नबलि और पेय भेंट अर्पित कर पाओगे।

तब हो सकता है कि परमेश्वर की इच्छा बदल जाये और उसने जो योजना रच रखी है, वैसी बातें न करे। हो सकता है परमेश्वर की इच्छा बदल जाये और कुपित न हो। तब हो सकता है कि हमें दण्ड न दिया जाये।

उसने यहोवा से शिकायत करते हुए कहा, “मैं जानता था कि ऐसा ही होगा! मैं तो अपने देश में था, और तूने ही मुझसे यहाँ आने को कहा था। उसी समय मुझे यह पता था कि तू इस पापी नगर के लोगों को क्षमा कर देगा। मैंने इसलिये तर्शीश भाग जाने की सोची थी। मैं जानता था कि तू एक दयालु परमेश्वर है! मैं जानता था कि तू करूणा दर्शाता है और लोगों को दण्ड देना नहीं चाहता! मुझे पता था कि तू करूणा से पूर्ण है! मुझे ज्ञान था कि यदि इन लोगों ने पाप करना छोड़ दिया तो तू इनके विनाश की अपनी योजनाओं को बदल देगा।

“यहोवा न्याय करेगा अपने जन का। वे उसके सेवक हैं, वह दयालु होगा। वह उसके बल को मिटा देगा वह उन सभी स्वतन्त्र और दासों को होता देखेगा असहाय।

और एक बार सम्पूर्ण बन जाने पर उन सब के लिए जो उसकी आज्ञा का पालन करते हैं, वह अनन्त छुटकारे का स्रोत बन गया।

इस्राएल के शत्रुओं ने कई बार लोगों के साथ बुरा किया। इसलिए इस्राएल के लोग सहायता के लिये चिल्लाते थे और हर बार यहोवा को लोगों के लिए दुःख होता था। हर बार वह शत्रुओं से लोगों की रक्षा के लिये एक न्यायाधीश भेजता था। इस प्रकार हर बार इस्राएल के लोग अपने शत्रुओं से बच जाते थे।




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