ठीकरा—द्वार के सामने के पास बेन हिन्नोम घाटी को जाओ। अपने साथ लोगों के अग्रजों (प्रमुखों) और कुछ याजकों को लो। उस स्थान पर उनसे वह कहो जो मैं तुमसे कहता हूँ।
तोपेत “हिन्नोम के पुत्र की घाटी” में एक स्थान था जहाँ लोग अपने बच्चों को मारते थे और असत्य देवता मोलेक के सम्मान में उन्हें वेदी पर जलाते थे। योशिय्याह ने उस स्थान को इतना भ्रष्ट (नष्ट) कर डाला कि लोग उस स्थान का फिर प्रयोग न कर सकें।
आहाज ने हिन्नोम की घाटी में सुगन्धि जलाई। उसने अपने पुत्रों को आग में जलाकर बलि भेंट की। उसने वे सब भयंकर पाप किये जिसे उस प्रदेश में रहने वाले व्यक्तियों ने किया था। यहोवा ने उन व्यक्तियों को बाहर जाने को विवश किया था जब इस्राएल के लोग उस भूमि में आए थे।
मनश्शे ने अपने बच्चों को भी बलि के लिये हिन्नोम की घाटी में जलाया। मनश्शे ने शान्तिपाठ, दैवीकरण और भविष्य कथन के रूप में जादू का उपयोग किया। उसने ओझाओं और भूत सिद्धि करने वालों के साथ बातें कीं। मनशशे ने यहोवा की दृष्टि में बहुत पाप किया। मनशशे के पापों ने यहोवा को क्रोधित किया।
इम्मेर के पुत्र सादोक ने अपने घर के सामने के हिस्से की मरम्म्त की। फिर उससे अगले हिस्से की मरम्मत का काम शकन्याह के पुत्र समयाह ने पूरा किया समयाह पूर्वी फाटक का द्वारपाल था।
यहोवा ने मुझसे कहा, “यिर्मयाह, इस सन्देश की शिक्षा यहूदा के नगरों और यरूशलेम की सड़कों पर दो। सन्देश यह है, ‘इस वाचा की बातों को सुनो और तब उन नियमों का पालन करो।
यहोवा ने कहा, “यिर्मयाह, यहोवा के मन्दिर के आँगन में खड़े होओ। यहूदा के उन सभी लोगों को यह सन्देश दो जो यहोवा के मन्दिर में पूजा करने आ रहे हैं। तुम उनसे वह सब कुछ कहो जो मैं तुमसे कहने को कह रहा हूँ। मेरे सन्देश के किसी भाग को मत छोड़ो।
यिर्मयाह, उत्तर की ओर देखो और यह सन्देश बोलो: “‘अविश्वासी इस्राएल के लोगों तुम लौटो।’ यह सन्देश यहोवा का था। ‘मैं तुम पर भौहे चढ़ाना छोड़ दूँगा, मैं दयासागर हूँ।’ यह सन्देश यहोवा का था। ‘मैं सदैव तुम पर क्रोधित नहीं रहूँगा।’
“बेनहिन्नोम की घाटी में उन लोगों ने असत्य देवता बाल के लिये उच्च स्थान बनाए। उन्होंने वे पूजा स्थान अपने पुत्र—पुत्रियों को शिशु बलिभेंट के रूप में जला सकने के लिये बनाए। मैंने उनको कभी ऐसे भयानक काम करने के लिये आदेश नहीं दिये। मैंने यह कभी सोचा तक नहीं कि यहूदा के लोग ऐसा भयंकर पाप करेंगे।
यिर्मयाह, यहोवा के मन्दिर के द्वार के सामने खड़े हो। द्वार पर यह सन्देश घोषित करो: “‘यहूदा राष्ट्र के सभी लोगों, यहोवा के यहाँ का सन्देश सुनो। यहोवा की उपासना करने के लिये तुम सभी लोग जो इन द्वारों से होकर आए हो इस सन्देश को सुनो।
मैं अँधेरे में जो कुछ तुमसे कहता हूँ, मैं चाहता हूँ, उसे तुम उजाले में कहो। मैंने जो कुछ तुम्हारे कानों में कहा है, तुम उसकी मकान की छतों पर चढ़कर, घोषणा करो।
तब यह सीमा यबूसी नगर की दक्षिण की ओर से बेन हिन्नोम घाटी से होकर गई थी। उस यबूसी नगर को (यरूशलेम) कहा जाता था। (उस स्थान पर सीमा हिन्नोम घाटी की उत्तरी छोर पर थी।)