“अत: मैं उन लोगों को सबक सिखाऊँगा, जो देवमूर्तियों को देवता बनाते हैं। अब मैं सीधे अपनी शक्ति और प्रभुता के बारे में शिक्षा दूँगा। तब वे समझेंगे कि मैं परमेश्वर हूँ। वे जानेंगे कि मेरा नाम यहोवा है।
मैं फ़िरौन की हिम्मत बढ़ाऊँगा ताकि वह तुम लोगों का पीछा करे। किन्तु फ़िरौन और उसकी सेना को हराऊँगा। इससे मुझे गौरव प्राप्त होगा। तब मिस्र के लोग जानेंगे कि मैं ही यहोवा हूँ।” इस्राएल के लोगों ने परमेश्वर का आदेश माना अर्थात् उन्होंने वही किया जो उसने कहा।
“मैं यहोवा हूँ। मैं इब्राहीम, इसहाक और याकूब के सामने प्रकट हुआ था। उन्होंने मुझे एल सद्दायी (सर्वशक्तिमान परमेश्वर) कहा। मैंने उनको यह नहीं बताया था कि मेरा नाम यहोवा (परमेश्वर) है।
क्यों क्योंकि मैं तेरा परमेश्वर यहोवा हूँ। मैं इस्राएल का पवित्र तेरा उद्धारकर्ता हूँ। तेरी बदले में मैंने मिस्र को दे कर तुझे आज़ाद कराया है। मैंने कूश और सबा को तुझे अपना बनाने को दे डाला है।
मैं अपने लोगों, इस्राएल का उपयोग करूँगा और एदोम के विरुद्ध भी होऊँगा। इस प्रकार इस्राएल के लोग मेरे क्रोध को एदोम के विरुद्ध प्रकट करेंगे। तब एदोम के लोग समझेंगे कि मैंने उनको दण्ड दिया।” मेरे स्वामी यहोवा ने यह कहा।