यहूदा का राजा यहोयाकीन बाबेल के राजा से मिलने बाहर आया। यहोयाकीन की माँ, उसके अधिकारी, प्रमुख और अन्य अधिकारी भी उसके साथ गये। तब बाबेल के राजा ने यहोयाकीन को बन्दी बना लिया। यह नबूकदनेस्सर के शासनकाल का आठवाँ वर्ष था।
नबूकदनेस्सर, यहोयाकीन को बन्दी के रूप में बाबेल ले गया। नबूकदनेस्सर राजा की माँ, उसकी पत्नियों, अधिकारी और देश के प्रमुख लोगों को भी ले गया। नबूकदनेस्सर उन्हें यरूशलेम से बाबेल बन्दी के रूप में ले गया।
मनश्शे ने कैसे प्रार्थना की और परमेश्वर ने वह कैसे सुनी और उस पर दया की, यह दृष्टाओं की पुस्तक में लिखा है। मनश्शे के सभी पाप और बुराईयाँ जो उसने स्वयं को विनम्र करने से पूर्व कीं और वे स्थान जहाँ उसने उच्च स्थान बनाए और अशेरा—स्तम्भ खड़े किये, दृष्टाओं की पुस्तक में लिखे हैं।
इसलिए मूसा और हारून फ़िरौन के पास गए। उन्होंने उससे कहा, “हिब्रू लोगों का परमेश्वर यहोवा कहता है, ‘तुम मेरे आदेशों का पालन करने से कब तक इन्कार करोगे? मेरे लोगों को मेरी उपासना करने के लिए जाने दो!
नगर द्वार के निकट सभा स्थलों में रोना बिलखना और दुःख ही फैला होगा। यरूशलेम उस स्त्री के समान हर वस्तु से वंचित हो जायेगी जिसका सब कुछ चोर और लुटेरे लूट गये हों। वह धरती पर बैठेगी और बिलखेगी।
यह सन्देश यहोवा का है, “मैं निश्चय ही शाश्वत हूँ अत: यहोयाकीम के पुत्र यहूदा के राजा कोन्याह मैं तुम्हारे साथ ऐसा करुँगा। चाहे तुम मेरे दायें हाथ की राजमुद्रा ही क्यों न हो, मैं तुम्हें तब भी बाहर फेकूँगा।
उन राजकीय अधिकारियों ने उस पत्रक से सभी सन्देश सुने। तब वे डर गए और एक दूसरे को देखने लगे। उन्होंने बारुक से कहा, “हमें पत्रक के सन्देश के बारे में राजा यहोयाकीम से कहना होगा।”
सिय्योन की पुत्री की सुंदरता जाती रही है। उसकी राजकन्याएं दीन हरिणी सी हुई। वे वैसी हरिणी थीं जिनके पास चरने को चरागाह नहीं होती। बिना किसी शक्ति के वे इधर—उधर भागती हैं। वे ऐसे उन व्यक्तियों से बचती इधर—उधर फिरती हैं जो उनके पीछे पड़े हैं।
यरूशलेम के वस्त्र गंदे थे। उसने नहीं सोचा था कि उसके साथ क्या कुछ घटेगा। उसका पतन विचित्र था, उसके पास कोई नहीं था जो उसको शांति देता। वह कहा करती है, “हे यहोवा, देख मैं कितनी दु:खी हूँ! देख मेरा शत्रु कैसा सोच रहा है कि वह कितना महान है!”
सिय्योन के बुजुर्ग अब धरती पर बैठते हैं। वे धरती पर बैठते हैं और चुप रहते है। अपने माथों पर धूल मलते हैं और शोक वस्त्र पहनते हैं। यरूशलेम की युवतियाँ दु:ख में अपना माथा धरती पर नवाती हैं।
मेरा स्वामी यहोवा यह सन्देश देता है, “पगड़ी उतारो! मुकुट उतारो! परिवर्तन का समय आ पहुँचा है! महत्वपूर्ण प्रमुख नीचे लाए जाएंगे और जो लोग महत्वपूर्ण नहीं है, वे महत्वपूर्ण बनेंगे।
किन्तु तुम्हें अपना शोक—रूदन बहुत मन्द रखना चाहिए। अपनी मृत पत्नी के लिये जोर से न रोओ। तुम्हें सामान्य नित्य के वस्त्र पहनने चाहिए। अपनी पगड़ी और अपने जूते पहनो। अपने शोक को प्रकट करने के लिये अपनी मूँछे न ढको और वह भोजन न करो जो प्राय: किसी के मरने पर लोग करते हैं।”
तुम अपनी पगड़ियाँ और अपने जूते पहनोगे। तुम अपना शोक नहीं प्रकट करोगे। तुम रोओगे नहीं। किन्तु तुम अपने पाप के कारण बरबाद होते रहोगे। तुम चुपचाप अपनी आहें एक दूसरे के सामने भरोगे।
“किन्तु नबूकदनेस्सर को अभिमान हो गया और वह हठीला बन गया। सो परमेश्वर द्वारा उससे उसकी शक्ति छींन ली गयी। उसे उसके राज सिंहासन से उतार फेंका गया और उसे महिमा विहीन बना दिया गया।
नीनवे के राजा ने ये बातें सुनीं और उसने भी अपने बुरे कामों का शोक मनाया। इसके लिये राजा ने अपना सिंहासन छोड़ दिया। उसने अपने राजसी वस्त्र हटा दिये और अपना दु:ख व्यक्त करने के लिये शोकवस्त्र धारण कर लिये। इसके बाद वह राजा धूल में बैठ गया।