“यरूशलेम, मैं तुम्हारे विरुद्ध हूँ। तुम पर्वत की चोटी पर बैठी हो। तुम इस घाटी के ऊपर एक रानी की तरह बैठी हो। यरूशलेम के लोगों, तुम कहते हो, ‘कोई भी हम पर आक्रमण नहीं कर सकता। कोई भी हमारे दृढ़ नगर में घुस नहीं सकता।’” किन्तु यहोवा के यहाँ से उस सन्देश को सुनो:
“बिन्यामीन के लोगों, अपनी जान लेकर भागो, यरूशलेम नगर से भाग चलो! युद्ध की तुरही तकोआ नगर में बजाओ! बेथक्केरेम नगर में खतरे का झण्डा लगाओ! ये काम करो क्योंकि उत्तर की ओर से विपत्ति आ रही है। तुम पर भयंकर विनाश आ रहा है।
“इसलिए जब तुम लोग ‘भयानक विनाशकारी वस्तु को,’ जिसका उल्लेख दानिय्येल नबी द्वारा किया गया था, मन्दिर के पवित्र स्थान पर खड़े देखो।” (पढ़ने वाला स्वयं समझ ले कि इसका अर्थ क्या है)
“यह राष्ट्र तुम्हारे सभी नगरों को घेर लेगा। तुम अपने नगरों के चारों ओर ऊँची और दृढ़ दीवारों पर भरोसा रखते हो। किन्तु तुम्हारे देश में ये दीवारें सर्वत्र गिर जाएंगी। हाँ, वह राष्ट्र तुम्हारे उस देश के सभी नगरों पर आक्रमण करेगा जिसे यहोवा तुम्हारा परमेश्वर तुम्हें दे रहा है।