तुम मेरे विरुद्ध गए मैंने तुम्हारे गर्वीले अपमान के शब्द सुने। इसलिये मैं अपना अंकुश तुम्हारी नाक में डालूँगा। और मैं अपनी लगाम तुम्हारे मूहँ में डालूँगा। तब मैं तुम्हें पीछे लौटाऊँगा और उस मार्ग लौटाऊँगा जिससे तुम आए थे।”
सो तू घोड़े या गधे सा बुद्धिहीन मत बन। उन पशुओं को तो मुखरी और लगाम से चलाया जाता है। यदि तू उनको लगाम या रास नहीं लगाएगा, तो वे पशु निकट नहीं आयेंगे।”
मैंने कहा, “जब तक ये दुष्ट मेरे सामने रहेंगे, तब तक मैं अपने कथन के प्रति सचेत रहूँगा। मैं अपनी वाणी को पाप से दूर रखूँगा। और मैं अपने मुँह को बंद कर लूँगा।”
तू मुझसे खुश नहीं है और मैंने तेरे अहंकारपूर्ण अपमानों को सुना है। सो मैं तुझे दण्ड दूँगा। मैं तेरी नाक मे नकेल डालूँगा। मैं तेरे मुँह पर लगाम लगाऊँगा और तब मैं तुझे विवश करुँगा कि तू जिस मार्ग से आया था, उसी मार्ग से मेरे देश को छोड़ कर वापस चला जा!’”
अथवा जलयानो का उदाहरण भी लिया जा सकता है। देखो, चाहे वे कितने ही बड़े होते हैं और शक्तिशाली हवाओं द्वारा चलाए जाते हैं, किन्तु एक छोटी सी पतवार से उनका नाविक उन्हें जहाँ कहीं ले जाना चाहता है, उन पर काबू पाकर उन्हें ले जाता है।