तुम्हारा विश्वास एक बलि के रूप में है और यदि मेरा लहू तुम्हारी बलि पर दाखमधु के समान उँडेल दिया भी जाये तो मुझे प्रसन्नता है। तुम्हारी प्रसन्नता में मेरा भी सहभाग है।
अब देखो, मैं तुम्हारे लिये जो कष्ट उठाता हूँ, उनमें आनन्द का अनुभव करता हूँ और मसीह की देह, अर्थात् कलीसिया के लिये मसीह की यातनाओं में जो कुछ कमी रह गयी थी, उसे अपने शरीर में पूरा करता हूँ।
तुमने, जो बंदीगृह में पड़े थे, उनसे सहानुभूति की तथा अपनी सम्पत्ति का जब्त किया जाना सहर्ष स्वीकार किया क्योंकि तुम यह जानते थे कि स्वयं तुम्हारे अपने पास उनसे अच्छी और टिकाऊ सम्पत्तियाँ हैं।
वह व्यक्ति धन्य है जो परीक्षा में अटल रहता है क्योंकि परीक्षा में खरा उतरने के बाद वह जीवन के उस विजय मुकुट को धारण करेगा, जिसे परमेश्वर ने अपने प्रेम करने वालों को देने का वचन दिया है।
ध्यान रखना, हम उनकी सहनशीलता के कारण उनको धन्य मानते हैं। तुमने अय्यूब के धीरज के बारे में सुना ही है और प्रभु ने उसे उसका जो परिणाम प्रदान किया, उसे भी तुम जानते ही हो कि प्रभु कितना दयालु और करुणापूर्ण है।
उन यातनाओं से तू बिल्कुल भी मत डर जो तुझे झेलनी हैं। सुनो, शैतान तुम लोगों में से कुछ को बंदीगृह में डालकर तुम्हारी परीक्षा लेने जा रहा है। और तुम्हें वहाँ दस दिन तक यातना भोगनी होगी। चाहे तुझे मर ही जाना पड़े, पर सच्चा बने रहना मैं तुझे अनन्त जीवन का विजय मुकुट प्रदान करूँगा।