योना परमेश्वर की बातें नहीं मानना चाहता था, सो योना ने यहोवा से कहीं दूर भाग जाने का प्रयत्न किया। सो योना यापो की ओर चला गया। योना ने एक नौका ली जो सुदूर नगर तर्शीश को जा रही थी। योना ने अपनी यात्रा के लिये धन दिया और वह नाव पर जा चढ़ा। योना चाहता था कि इस नाव पर वह लोगों के साथ तर्शीश चला जाये और यहोवा से कहीं दूर भाग जाये।
किन्तु दान के लोगों को अपना प्रदेश लेने में परेशानी उठानी पड़ी। वहाँ शक्तिशाली शत्रु थे और दान के लोग उन्हें सरलता से पराजित नहीं कर सकते थे। इसलिए दान के लोग गए और लेशेम के विरूद्ध लड़े। उन्होंने लेशेम को पराजित किया तथा जो लोग वहाँ रहते थे, उन्हें मार डाला। इसलिए दान के लोग लेशेम नगर में रहे। उन्होंने उसका नाम बदल कर दान कर दिया क्योंकि यह नाम उनके परिवार समूह के पूर्वज का था।