इसलिए यहोशू ने इस्राएल के लोगों से कहा, “तुम लोग अपने प्रदेश लेने में इतनी देर प्रतीक्षा क्यों करते हो? यहोवा, तुम्हारे पूर्वजों के परमेश्वर ने यह प्रदेश तुम्हें दिया है।
हर समय करने के लिये तुम्हारे पास काम है। इसे तुम जितनी उत्तमता से कर सकते हो करो। कब्र में तो कोई काम होगा ही नहीं। वहाँ न तो चिन्तन होगा, न ज्ञान और न विवेक और मृत्यु के उस स्थान को हम सभी तो जा रहे हैं।
उस खाने के लिये परिश्रम मत करो जो सड़ जाता है बल्कि उसके लिये जतन करो जो सदा उत्तम बना रहता है और अनन्त जीवन देता है, जिसे तुम्हें मानव-पुत्र देगा। क्योंकि परमपिता परमेश्वर ने अपनी मोहर उसी पर लगायी है।”
“यहोशू, तुम्हें दृढ़ और साहसी होना चाहिये! तुम्हें इन लोगों का अगुवा होना चाहिये जिससे वे अपना देश ले सकें। यह वही देश है जिसे मैंने उन्हें देने के लिये उनके पूर्वजों को वचन दिया था।
इसलिए तुम्हारे प्रत्येक परिवार समूह को तीन व्यक्ति चुनने चाहिए। मैं उन व्यक्तियों को उन प्रदेशों की जाँच के लिए भेजूँगा। वे उस प्रदेश का विवरण तैयार करेंगे तब वे मेरे पास लौटेंगे।
पाँचों व्यक्तियों ने उत्तर दिया, “हम लोगों ने प्रदेश देखा है और वह बहुत अच्छा है। हमें उन पर आक्रमण करना चाहिये। प्रतीक्षा न करो। हम चलें और उस प्रदेश को ले लें।