तब सीमा यानोह से अतारोत और नारा तक चली गई। यह सीमा लगातार चलती हुई यरीहो छूती है और यरदन नदी पर समाप्त हो जाती है। यह सीमा तप्पूह से काना खाड़ी के पश्चिम की ओर जाती है और सागर पर समाप्त हो जाती है।
ये वे नगर और प्रदेश हैं जहाँ एप्रैम के वंशज रहते थे। बेतेल और इसके पास के गाँव पूर्व में नारान, गेजेर और पश्चिम में इसके निकट के गाँव, तथा सेकेम तथा अज्जा के रास्ते तक के निकटवर्ती गाँव।
और उस समय पानी का बहना बन्द हो गया। पानी उस स्थान के पीछे बांध की तरह खड़ा हो गया। नदी के चढ़ाव की ओर लम्बी दूरी तक पानी लगातार आदाम तक (सारतान के समीप एक नगर) ऊँचा खड़ा होता चला गया। लोगों ने यरीहो के पास नदी को पार किया।
उस समय, यहोशू ने शपथ के साथ महत्वपूर्ण बातें कहीं उसने कहा: “कोई व्यक्ति जो यरीहो नगर के पुन: निर्माण का प्रयत्न करेगा यहोवा की ओर से खतरे में पड़ेगा। जो व्यक्ति नगर की नींव रखेगा, अपने पहलौठे पुत्र को खोएगा। जो व्यक्ति फाटक लगाएगा वह अपने सबसे छोटे पुत्र को खोएगा।”