बारहवाँ सेनापति हेल्दै था। हेल्दै बारहवें महीने का सेनापति था। हेल्दै, नतोपा, नतोप से था। हेल्दै ओत्नीएल के परिवार का था। हल्दै के समूह में चौबीस हजार पुरुष थे।
एक दिन यहूदा परिवार समूह के लोग गिलगाल में यहोशू के पास गए। उन लोगों में कनजी यपुन्ने का पुत्र कालेब था। कालेब ने यहोशू से कहा, “कादेशबर्ने में यहोवा ने जो बातें कही थीं। तुम्हें याद है। यहोवा अपने सेवक मूसा से बातें कर रहा था। यहोवा तुम्हारे और हमारे बारे में बातें कर रहा था।
कालेब ने कहा, “कोई व्यक्ति जो किर्यत्सेपेर पर आक्रमण करेगा और उस नगर को हरायेगा, वही मेरी पुत्री अकसा से विवाह कर सकेगा। मैं उसे अपनी पुत्री को भेंट के रुप में दूँगा।”
कालेब का एक छोटा भाई था जिसका नाम कनज था। कनज का एक पुत्र ओत्नीएल नाम का था। (ओत्नीएल कालेब का भतीजा था।) ओत्नीएल ने किर्यत्सेपेर नगर को जीत लिया। इसलिए कालेब ने अपनी पुत्री अकसा को पत्नी के रूप में ओत्नीएल को दिया।
किन्तु इस्राएल के लोगों ने यहोवा को रोकर पुकारा। यहोवा ने एक व्यक्ति को उनकी रक्षा के लिए भेजा। उस व्यक्ति का नाम ओत्नीएल था। वह कनजी का पुत्र था। कनजी कालेब का छोटा भाई था। ओत्नीएल ने इस्राएल के लोगों को बचाया।