यूसुफ के पिता ने कहा, “जाओ और देखो कि तुम्हारे भाई सुरक्षित हैं। लौटकर आओ और बताओ कि क्या मेरी भेड़ें ठीक हैं?” इस प्रकार यूसुफ के पिता ने उसे हेब्रोन की घाटी से शकेम को भेजा।
यहूदा के लोग इन कस्बों में बस गये: किर्यतर्बा और उसके आस—पास के छोटे—छोटे गाँव, दिबोन और उसके आसपास के छोटे—छोटे गाँव, यकब्सेल और उसके आसपास के छोटे—छोटे गाँव,
यहोशू ने पूरे इस्राएल प्रदेश पर अधिकार कर लिया। इस बात को यहोवा ने मूसा से बहुत पहले ही कह दिया। यहोवा ने वह देश इस्राएल को इसलिए दिया क्योंकि उसने इसके लिये वचन दिया था। तब यहोशू ने इस्राएल के परिवार समूहों में उस प्रदेश को बाँटा तब युद्ध बन्द हुआ और अन्तिम रूप में शान्ति स्थापित हो गई।
और वह नगर अब भी कनजी यपुन्ने के पुत्र कालेब के परिवार का है। वह प्रदेश अब तक उसके लोगों का है क्योंकि, उसने इस्राएल के परमेश्वर यहोवा की आज्ञा मानी और उस पर पूर्ण विश्वास किया।
यहोवा ने यहोशू को आदेश दिया था कि वह यपुन्ने के पुत्र कालेब को यहूदा की भूमि में से हिस्सा दे। इसलिए यहोशू ने कालेब को वह प्रदेश दिया जिसके लिये परमेश्वर ने आदेश दिया था। यहोशू ने उसे किर्यतर्बा का नगर दिया जो हेब्रोन भी कहा जाता था। (अर्बा अनाक का पिता था।)
उन्होंने उन्हें किर्यतर्बा हेब्रोन और इसके सब खेत दिये (यह हेब्रोन है जो एक व्यक्ति अरबा के नाम पर रखा गया है। अरबा अनाक का पिता था।) उन्हें वे खेत भी मिले जिनमें उनके जानवर उनके नगरों के समीप चर सकते थे।
मूसा ने कालेब को हेब्रोन के पास की भूमि देने का वचन दिया था। अत: वह भूमि कालेब के परिवार समूह को दी गई। कालेब के लोगों ने अनाक के तीन पुत्रों को वह स्थान छोड़ने को विवश किया। बिन्यामीन लोग यरूशलेम में बसते हैं।
“हे यहोवा! इस तरह तेरे, सब शत्रु मर—मिट जायें। किन्तु वे लोग सब जो प्यार करते हैं तुझको ज्वलित दीप्त सूर्य सम शक्तिशाली बने!” इस प्रकार उस प्रदेश में चालीस वर्ष तक शान्ति रही।
इस प्रकार मिद्यानी लोग इस्राएल के शासन में रहने के लिये मजबूर किये गये। मिद्यानी लोगों ने अब आगे कोई कष्ट नहीं दिया। इस प्रकार गिदोन के जीवन काल में चालीस वर्षों तक पूरे देश में शान्ति रही।