यहेजकेल 8:5पवित्र बाइबलपरमेश्वर ने मुझसे कहा। उसने कहा, “मनुष्य के पुत्र, उत्तर की ओर देखो!” इसलिये मैंने उत्तर की ओर देखा। और वहाँ प्रवेश मार्ग के सहारे वेदी—द्वार के उत्तर में वह देवमूर्ति थी जिसके प्रति परमेश्वर की ईर्ष्या होती थी। अध्याय देखें |
“यहूदा, खाली पहाड़ी की चोटी को देखो। क्या कोई ऐसी जगह है जहाँ तुम्हारा अपने प्रेमियों (असत्य देवताओं) के साथ शारीरिक सम्बन्ध न चला तुम सड़क के किनारे प्रेमियों की प्रतीक्षा करती बैठी हो। तुम वहाँ मरुभूमि में प्रतीक्षा करते अरब की तरह बैठी। तुमने देश को गन्दा किया है! कैसे तुमने बहुत से बुरे काम किये और तुम मेरी अभक्त रही।
मेरे स्वामी यहोवा कहता है, “यरूशलेम, मैं अपने जीवन की शपथ खाकर कहता हूँ कि मैं तुम्हें दण्ड दूँगा! मैं प्रतिज्ञा करता हूँ कि मैं तुम्हें दण्ड दूँगा। क्यों क्योंकि तुमने मेरे ‘पवित्र स्थान’ के विरुद्ध भयंकर पाप किया! तुमने वे भयानक काम किये जिन्होंने इसे गन्दा बना दिया! मैं तुम्हें दण्ड दूँगा। मैं तुम पर दया नहीं करुँगा! मैं तुम्हारे लिए दुःख का अनुभव नहीं करुँगा!
तब मैंने कुछ ऐसा देखा जो बाहु की तरह था। वह बाहु बाहर बढ़ी और उसने मेरे सिर के बालों से मुझे पकड़ लिया। तब आत्मा ने मुझे हवा में उठा लिया और परमेश्वर के दर्शन में वह मुझे यरूशलेम को ले गई। वह मुझे उत्तर की ओर के भीतर फाटक पर ले गई। वह देवमूर्ति, जिससे परमेश्वर को ईर्ष्या होती है, उस फाटक के सहारे है।