मैंने कुछ देखा जो आग की तरह था। यह एक मनुष्य शरीर जैसा दिखाई पड़ता था। कमर से नीचे वह आग—सा था। कमर से ऊपर वह आग में तप्त—धातु की तरह चमकीला और कान्तिवाला था।
मैंने (यहेजकेल) एक धूल भरी आंधी उत्तर से आती देखी। यह एक विशाल बादल था और उसमें से आग चमक रही थी। इसके चारों ओर प्रकाश जगमगा रहा था। यह आग में चमकते तप्त धातु सा दिखता था।
यहोवा मुझे वहाँ ले आया। वहाँ एक व्यक्ति था जो झलकाये गये काँसे की तरह चमकता हुआ दिखता था। वह व्यक्ति एक कपड़े नापने का फीता और नापने की एक छड़ अपने हाथ में लिये था। वह फाटक से लगा खड़ा था।
एक दिन मैं (यहेजकेल) अपने घर में बैठा था और यहूदा के अग्रज (प्रमुख) वहाँ मेरे सामने बैठे थे। यह देश—निकाले के छठे वर्ष के छठे महीने (सितम्बर) के पाँचवें दिन हुआ। अचानक मेरे स्वामी यहोवा की शक्ति मुझमें उतरी।
उसका शरीर चमचमाते पत्थर के जैसी थी। उसका मुख बिजली के समान उज्जवल था! उसकी बाहें और उसके पैर चमकदार पीतल से झिलमिला रहे थे! उसकी आवाज़ इतनी ऊँची थी जैसे लोगों की भीड़ की आवाज़ होती है!