नगर की नाप यह है: उत्तर की ओर यह साढ़े चार हजार हाथ होगा। पूर्व की ओर यह साढ़े चार हजार हाथ होगा। दक्षिण की ओर यह साढ़े चार हजार हाथ होगा। पश्चिम की ओर यह साढ़े चार हजार हाथ होगा।
पवित्र क्षेत्र के सहारे जो लम्बाई बचेगी, वह दस हजार हाथ पूर्व में ओर दस हजार हाथ पश्चिम में होगी। यह भूमि पवित्र क्षेत्र के बगल में होगी। यह भूमि नगर के मजदूरों के लिये अन्न पैदा करेगी।