लेवीवंशी मेरे पवित्र स्थान में सेवा करने के लिये चुने गये थे। उन्होंने मन्दिर के फाटक की चौकीदारी की। हन्होंने मन्दिर में सेवा की। उन्होंने बलियों तथा होमबलियों के जानवरों को लोगों के लिये मारा। वे लोगों की सहायता करने और उनकी सेवा के लिये चुने गए थे।
उस व्यक्ति ने मुझसे कहा, “यही वह स्थान है जहाँ याजक दोष बलि और पाप बलि को पकायेंगे। यहीं पर याजक अन्नबलि को पकायेंगे। क्यों क्योंकि जिससे उन्हें उन भेंटों को बाहरी आँगन में ले जाने की आवश्यकता न रहे। इस प्रकार वे उन पवित्र चीजों को बाहर नहीं लाएंगे जहाँ साधारण लोग होंगे।”
वह व्यक्ति मन्दिर के द्वार पर मुझे वापस ले गया। मैंने मन्दिर की पूर्वी देहली के नीचे से पानी आते देखा। (मन्दिर का सामना मन्दिर की पूर्वी ओर है।) पानी मन्दिर के दक्षिणी छोर के नीचे से वेदी के दक्षिण में बहता था।
राह दिखाने वाले परमेश्वर का जन-समूह तुम्हारी देख-रेख में है और निरीक्षक के रूप में तुम उसकी सेवा करते हो; किसी दबाव के कारण नहीं, बल्कि परमेश्वर की इच्छानुसार ऐसा करने की स्वेच्छा के कारण तुम अपना यह काम धन के लालच में नहीं बल्कि सेवा करने के प्रति अपनी तत्परता के कारण करते हो।