वे व्यक्ति के शव के पास जाकर अपने को अपवित्र करने नहीं जाएंगे। किन्तु वे तब अपने को अपवित्र कर सकते हैं यदि मरने वाला व्यक्ति पिता, माता, पुत्र, पुत्री, भाई या अविवाहित बहन हो। ये याजक को अपवित्र बनायेगा।
“यदि हारून के किसी वंशज को बुरे चर्म रोगों में से कोई रोग हो या उससे कुछ रिस रहा हो तो वह तब तक पवित्र भोजन नहीं कर सकता जब तक वह शुद्ध न हो जाए। यह नियम किसी भी याजक के लिए है जो अशुद्ध हो। वह याजक किसी शव को छू कर या अपने वीर्य पात से अशुद्ध हो सकता है।
परिणामस्वरूप अब से आगे हम किसी भी व्यक्ति को सांसारिक दृष्टि से न देखें यद्यपि एक समय हमने मसीह को भी सांसारिक दृष्टि से देखा था। कुछ भी हो, अब हम उसे उस प्रकार नहीं देखते।