सुलैमान ने “स्तम्भों का प्रवेश द्वार मण्डप” भी बनाया। यह पच्हत्तर फुट लम्बा और पैंतालीस फुट चौड़ा था। प्रवेश द्वारा मण्डप के साथ साथ स्तम्भों पर टिकी एक छत थी।
रक्षकों के कमरों में चारों ओर छोटी खिड़कियाँ थी। छोटे कमरों में द्वार—स्तम्भों की ओर भीतर को खिड़कियाँ अधिक पतली हो गई थीं। प्रवेश कक्ष में भी भीतर के चारों ओर खिड़कियाँ थीं। हर एक द्वार स्तम्भ पर खजूर के वृक्ष खुदे थे।
वह व्यक्ति मुझे मन्दिर के प्रवेश कक्ष में लाया और उनके हर एक द्वार—स्तम्भ को नापा। यह पाँच हाथ प्रत्येक ओर था। फाटक चौदह हाथ चौड़ा था। फाटक की बगल की दीवारें तीन हाथ हर ओर थीं।
यह एक छड़ चौड़ा था। तब उस व्यक्ति ने फाटक के प्रवेश कक्ष को नापा। यह आठ हाथ था। उस व्यक्ति ने फाटक के द्वार—स्तम्भों को नापा। हर एक द्वार स्तम्भ दो हाथ चौड़ा था। प्रवेश कक्ष का दरवाजा भीतर को था।