तब वह व्यक्ति मुझे उत्तरी द्वार पर लाया। उसने इसे नापा। इसकी नाप वह थी जो अन्य फाटकों की अर्थात
भीतरी आँगन की दक्षिण की ओर एक फाटक था। उस व्यक्ति ने दक्षिण की ओर एक फाटक से दूसरे फाटक तक नापा। यह सौ हाथ चौड़ा था।
तब वह व्यक्ति मुझे दक्षिण फाटक से होकर भीतरी आँगन में ले गया। दक्षिण के फाटक की नाप उतनी ही थी जितनी अन्य फाटकों की।
वह व्यक्ति मुझे पूर्व की ओर के भीतरी आँगन में लाया। उसने फाटक को नापा। उसकी नाप वही थी जो अन्य फाटकों की।
तब वह व्यक्ति मुझे उत्तरी द्वार से मन्दिर के सामने लाया। मैंने दृष्टि डाली और यहोवा की महिमा को यहोवा के मन्दिर में भरता देखा। मैंने अपने माथे को धरती पर टेकते हुए प्रणाम किया।
वह व्यक्ति मुझे उत्तर फाटक से बाहर लाया और बाहरी फाटक के पूर्व की तरफ चारों ओर ले गया। फाटक के दक्षिण की ओर पानी बह रहा था।