वृक्ष की शाखाओं में संसार के सभी पक्षियों ने घोंसले बनाए थे। वृक्ष की शाखाओं के नीचे, खेत के सभी जानवर बच्चों को जन्म देते थे। सभी बड़े राष्ट्र उस वृक्ष की छाया में रहते थे।
परमेश्वर के उद्यान के देवदारु वृक्ष भी, उतने बड़े नहीं थे जितना यह वृक्ष। सनौवर के वृक्ष इतनी अधिक शाखायें नहीं रखते, चिनार—वृक्ष भी ऐसी शाखायें नहीं रखते, परमेश्वर के उद्यान का कोई भी वृक्ष, इतना सुन्दर नहीं था जितना यह वृक्ष।
वृक्ष की पत्तियाँ सुन्दर थीं। वृक्ष पर बहुत अच्छे फल बहुतायत में लगे थे और उस वृक्ष पर हर किसी के लिये भरपूर खाने को था। जंगली जानवर वृक्ष के नीचे आसरा पाये हुए थे और वृक्ष की शाखाओं पर चिड़ियों का बसेरा था। हर पशु पक्षी उस वृक्ष से ही भोजन पाता था।