मैं तुम्हें किन्हीं विदेशियों में नहीं भेज रहा हूँ जिनकी बातें तुम समझ न सको। तुम्हें दूसरी भाषा सीखनी नहीं पड़ेगी। मैं तुम्हें इस्राएल के परिवार में भेज रहा हूँ।
मैं तुम्हें कोई भिन्न देशों में नहीं भेज रहा हूँ जहाँ लोग ऐसी भाषा बोलते हैं कि तुम समझ नहीं सकते। यदि तुम उन लोगों के पास जाओगे और उनसे बातें करोगे तो वे तुम्हारी सुनेंगे। किन्तु तुम्हें उन कठिन भाषाओं को नहीं समझना है।
“नीनवे एक बड़ा नगर है। वहाँ के लोग जो पाप कर्म कर रहे हैं, उनमें बहुत से कुकर्मों के बारे में मैंने सुना है। इसलिये तू उस नगर में जा और वहाँ के लोगों को बता कि वे उन बुरे कर्मों का करना त्याग दें।”